नई दिल्ली। दिल्ली के निजामुद्दीन मरकज तब्लीगी जमात के कार्यक्रम में शामिल हुए जमाती ने कोरोना से जंग जीतने के बाद सराहनीय कदम उठाया है। जमाती ने कोरोना संक्रमित मरीजों के इलाज के लिए दो बार प्लाज्मा डोनेट किया। जमाती ने कहा कि अगर आगे भी जरूरत पड़ी तो मैं दस बार प्लाज्मा डोनेट करूंगा। मेरी लोगों से अपील है कि कोरोना संक्रमण पर ब्रेक लगाने के लिए नमाज घर से ही अदा करें। सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें। निजामुद्दी मरकज में तबलीगी जमात के कार्यक्रम में दुनिया से करीब पांच हजार जमाती शामिल हुए थे। देश के 24 से ज्यादा राज्यों से जमाती इस कार्यक्रम में पहुंचे थे। इनमें से बहुत से जमातियों का कोरोना टेस्ट पॉजिटिव आया थे।
जरूत पड़ी तो 10 बार डोनेट करूंगा प्लाज्मा
मैं कोरोना के मरीजों के इलाज के लिए दो बार प्लाज्मा डोनेट कर चुका हूं। इसकी जरूरत 10 बार भी पड़ेगी तो डोनेट करूंगा। तब्लीगी जमात के सदस्य अरशद अहमद ने कोरोना से ठीक होने के बाद प्लाज्मा डोनेट किया और ये बातें कहीं। अरशद को हरियाणा के झज्जर में एम्स के डेडिकेटेड कोविड-19 सेंटर में क्वारैंटाइन किया गया था। अरशद का कोरोना टेस्ट नेगिटिव आ चुका है। उन्होंने कहा, हम सभी को सरकार को कोरोना के खिलाफ जंग लड़ने में सहयोग करना चाहिए। निर्धारित किए गए नियमों का पालन करते हुए रमजान की नमाज मस्जिद में न जाकर घर पर ही अता करनी चाहिए। मैंने कोरोना के खिलाफ लड़ाई में अपना योगदान देते हुए प्लाज्मा डोनेट किया, ताकि कोरोना मरीजों का इलाज किया जा सके।
क्वारैंटाइन सेंटर में घर जैसा माहौल: अरशद
अरशद महाराष्ट्र के अमरावती जिले के रहने वाले हैं। उन्होंने कोविड-19 सेंटर के बारे में बताया कि डॉक्टर दिन में तीन बार चेकअप करते हैं। स्टाफ बहुत अच्छी तरह देखभाल करता है। मुझे यहां घर जैसा ही महसूस हुआ। अरशद ने बताया कि अस्पताल के स्टाफ ने काफी सहयोग किया। अरशद ने अपील की है कि सभी को सरकारी गाइडलाइन माननी चाहिए। हमें हर हाल में को-ऑपरेट करना चाहिए। लॉकडाउन के दौरान हम रमजान की दुआ घरों में ही करें, मस्जिद नहीं जाएं।