बिहार में ईसाई समुदाय के द्वारा कराया जा रहा धर्मांतरण बना चिंता का विषय
By एस पी सिन्हा | Published: November 22, 2022 06:43 PM2022-11-22T18:43:41+5:302022-11-22T18:47:54+5:30
तेजी से हो रहे धर्मांतरण के कारण बिहार में ईसाई धर्म को मानने वालों की संख्या में कई गुना वृद्धि हुई है। जानकार इसके पीछे बड़ी साजिश बता रहे हैं। जानकारों के अनुसार एक खास एजेंडा के तहत बिहार में धर्मांतरण का खेल खेला जा रहा है।
पटना:बिहार में धर्मांतरण का मामला धीरे-धीरे गंभीर होता जा रहा है। धर्मांतरण का यह मामला ईसाई समुदाय के द्वारा बड़े पैमाने पर चलाया जा रहा है। हाल यह है कि यहां हिंदुओं को बहला-फुसलाकर धर्मांतरण करने का मामला लगातार सामने आते रहता है। आंकडों को अगर मानें बिहार में ईसाई की संख्या में 143.23 प्रतिशत तक बढोतरी हुई है।
इस तरह से बिहार में ईसाई धर्म को मानने वालों की संख्या में कई गुना वृद्धि हुई है। जानकार इसके पीछे बड़ी साजिश बता रहे हैं। जानकारों के अनुसार एक खास एजेंडा के तहत बिहार जैसे राज्यों में धर्मांतरण का खेल खेला जा रहा है।
पूर्व विधान पार्षद और विचारक हरेंद्र प्रताप के अनुसार बिहार में कई ऐसे जिले हैं, जहां ईसाइयों की संख्या 1991 में महज 40 थी। वहां आज इनकी संख्या हजारों में है। उन्होंने बताया कि पिछले वर्षों में बिहार में ईसाइयों और मुसलमानों की जनसंख्या में अप्रत्याशित वृद्धि हुई है। उनका कहना है कि ईसाइयों की संख्या में वृद्धि बिहार ही नहीं बल्कि पूरे देश के लिए एक बड़ा खतरा बनता जा रहा है।
उन्होंने आंकड़ा देते हुए बताया कि 1971-1981 में हुए जनगणना के अनुसार ईसाइयों की आबादी का बिहार में 8.79 प्रतिशत ग्रोथ था। जबकि 1971 में ईसाइयों की जनसंख्या 34448 थी, जो 1981 में बढ़कर 37453 हो गई। हालांकि 1991 में इनकी जनसंख्या घटकर 30970 हो गई। लेकिन वर्ष 2001 के जनगणना के अनुसार इनकी आबादी बढ़कर 53137 हो गई।
हरेंद्र प्रताप ने बताया कि ग्रोथ रेट 71.57 फीसदी हो गया। जबकि 2011 में हुए जनगणना के अनुसार बिहार में ईसाइयों की आबादी 129247 हो गई और ग्रोथ रेट बढ़कर 143.23 फीसदी हो गया। वहीं, राष्ट्रीय स्तर पर ग्रोथ सिर्फ 15.52 फीसदी था। हरेंद्र प्रताप ने बताया कि 1991 में मधुबनी जिला में जनगणना के अनुसार कुल 40 ईसाई थे। 2001 में इनकी संख्या 190 हुए और 2011 में इनकी संख्या बढ़कर 3262 हो गई। इनका प्रतिशत देखे तो 8055 फीसदी जनसंख्या में वृद्धि हुई है।
वहीं, दरभंगा में 1991 में 141 थे. 2001 में इनकी संख्या बढ़कर 781 हो गई और 2011 में 3534 हो गई। इनका प्रतिशत देखे तो 2406.38 हो गया। उसीतरह खगड़िया में 1991 में सिर्फ 27 ईसाई थे, जिसके बाद 2001 में इनकी संख्या 104 हुई और 2011 में 1253 हो गया। इसतरह ग्रोथ रेट 4540.74 प्रतिशत हो गया। जबकि शेखपुरा में 1991 में सिर्फ 14 ईसाई थे।
2001 में इनकी संख्या बढ़कर 375 हुई और 2011 में 313. इनका वृद्धि प्रतिशत 2135.71 है। औरंगाबाद में 1991 में 63 ईसाई थे। इनकी संख्या 2001 में 297 हुई और 2011 में बढ़कर 2218 हो गई। वृद्धि प्रतिशत 3420.63 हो गया। उसीतरह गोपालगंज में ईसाई की संख्या 1991 में 119 थी, जो 2001 में बढ़कर 158 हो गए और 2011 में 2463 हो गई। इसतरह से 1969.74 प्रतिशत वृद्धि हो गई। वहीं, सीवान में 1991 में सिर्फ 126 ईसाई थे। इनका आंकड़ा बढ़कर 2001 में 201 हुआ और 2011 में 2618 हो गया। इसतरह से वृद्धि दर 1977.77 हो गया।