राम मंदिर निर्माण में भूमि पूजन के लिए लगभग 100 जगहों से आ चुका है पानी और जल, शिलान्यास के वक्त होगा इस्तेमाल
By स्वाति सिंह | Updated: July 27, 2020 17:13 IST2020-07-27T17:13:26+5:302020-07-27T17:13:26+5:30
अयोध्या में 5 अगस्त को होने वाले श्री राम मंदिर निर्माण के भूमि पूजन के लिये बदरीनाथ की मिट्टी और पवित्र अलकनन्दा का जल कलश लेकर विहिप के कार्यकर्ता रवाना हो गये हैं।

विश्व हिंदू परिषद ने अयोध्या में गंगाजल और उत्तराखंड के सिद्ध पीठों की मिट्टी भेजने का फैसला भी किया है।
अयोध्या: राम जन्मभूमि ट्रस्ट कार्यालय के प्रभारी प्रकाश कुमार गुप्ता ने कहा कि जबसे मंदिर का फैसला आया है तबसे हमारे पास देश के विभिन्न हिस्सों से डाक द्वारा जल और मिट्टी आ रही है। लगभग 100 जगहों की जल और मिट्टी हम अब तक इकट्ठा कर चुके हैं।
उन्होंने, 'जबसे शिलान्यास की तारीख निश्चित हुई है तबसे तीर्थक्षेत्रों से हमारे कार्यकर्ता और जनता उत्साहित होकर मिट्टी लेकर आ रहे हैं सबकी इच्छा है कि इस मिट्टी का उपयोग शिलान्यास के अवसर पर किया जाए,'
जबसे शिलान्यास की तारीख निश्चित हुई है तबसे तीर्थक्षेत्रों से हमारे कार्यकर्ता और जनता उत्साहित होकर मिट्टी लेकर आ रहे हैं सबकी इच्छा है कि इस मिट्टी का उपयोग शिलान्यास के अवसर पर किया जाए: प्रकाश कुमार गुप्ता राम जन्मभूमि ट्रस्ट कार्यालय के प्रभारी, अयोध्याhttps://t.co/EjxPAReK8kpic.twitter.com/DNiUjlSSY4
— ANI_HindiNews (@AHindinews) July 27, 2020
उधर, अयोध्या में 5 अगस्त को होने वाले श्री राम मंदिर निर्माण के भूमि पूजन के लिये बदरीनाथ की मिट्टी और पवित्र अलकनन्दा का जल कलश लेकर विहिप के कार्यकर्ता रवाना हो गये हैं। सोमवार को बदरीनाथ धाम के रावल ईश्वरी प्रसाद व धर्माधिकारी भुवन चंन्द्र उनियाल ने बदरीनाथ की माटी और अलकनन्दा के जल के कलश को विहिप के नेताओं देवी प्रसाद देवली,लक्ष्मण फरकिया,आदित्य रावत,सतीश देवली, विजेंद्र को सोंपा। इसके अलावा हरिद्वार हर की पौड़ी से गंगाजल भेजा जा रहा है। विश्व हिंदू परिषद ने अयोध्या में गंगाजल और उत्तराखंड के सिद्ध पीठों की मिट्टी भेजने का फैसला भी किया है।
अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए पांच अगस्त को निर्धारित “भूमि पूजन” में कुछ ही दिन शेष रहने के बीच, राम जन्मभूमि परिसर से सटी मस्जिदें हिंदू एवं मुस्लिमों के शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व का संदेश दे रही हैं। उच्चतम न्यायालय द्वारा भगवान राम के मंदिर के निर्माण के लिए सौंपी गई 70 एकड़ के रामजन्मभूमि परिसर के करीब आठ मस्जिदें और दो मकबरे स्थित हैं। स्थानीय हिंदुओं की तरफ से बिना किसी आपत्ति के इन मस्जिदों में अजान और नमाज पढ़ी जाती हैं और मकबरों में वार्षिक ‘उर्स’ का आयोजन किया जाता है। रामजन्मभूमि परिसर के पास स्थित आठ मस्जिदें- मस्जिद दोराहीकुआं, मस्जिद माली मंदिर के बगल, मस्जिद काज़ियाना अच्छन के बगल, मस्जिद इमामबाड़ा, मस्जिद रियाज के बगल, मस्जिद बदर पांजीटोला, मस्जिद मदार शाह और मस्जिद तेहरीबाजार जोगियों की हैं।
क्या है श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट
अयोध्या जमीन विवाद पर फैसला सुनाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने मंदिर निर्माण के लिए एक ट्रस्ट के गठन का आदेश दिया था. इसके बाद मोदी सरकार की ओर से 15 सदस्यीय ट्रस्ट का गठन किया गया था. इस ट्रस्ट का नाम 'श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट' रखा गया है. इस ट्रस्ट की जिम्मेदारी राम मंदिर निर्माण और उसकी सारी व्यवस्थाओं को देखने की होगी.