अर्धसैनिक बलों की निर्माण परियोजना में न हो देरी, सीपीडब्ल्यूडी ने अधिकारियों को समीक्षा करने को कहा

By भाषा | Published: January 30, 2020 07:12 PM2020-01-30T19:12:29+5:302020-01-30T19:12:29+5:30

केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) ने कार्यालय इमारत के निर्माण के लिए 106.14 करोड़ रुपये आवंटित किए लेकिन सीपीडब्ल्यूडी ने केवल 55.13 करोड़ रुपये खर्च किए। इस पृष्ठभूमि में सीपीडब्ल्यूडी ने विशेष महानिदेशकों (एसडीजी)और अतिरिक्त महानिदेशकों (एडीजी)को पत्र लिखा।

Construction of paramilitary forces should not be delayed, CPWD asked officials to review | अर्धसैनिक बलों की निर्माण परियोजना में न हो देरी, सीपीडब्ल्यूडी ने अधिकारियों को समीक्षा करने को कहा

उल्लेखनीय है कि सीपीडब्ल्यूडी केंद्र सरकार की प्राथमिक निर्माण एजेंसी है।

Highlightsसभी एसडीजी और एडीजी से अनुरोध किया जाता है कि वे अर्धसैनिक बलों की सभी परियोजनाओं और आंवटित कोष के इस्तेमाल में हो रही प्रगति की समीक्षा करें।यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि आवंटित कोष का इसी वित्तवर्ष में इस्तेमाल हो।

केंद्रीय लोकनिर्माण विभाग (सीपीडब्ल्यूडी) ने अपने शीर्ष अधिकारियों को अर्धसैनिक बलों की सभी निर्माण परियोजनाओं की समीक्षा करने को कहा है।

ये निर्देश बीएसएफ, सीआईएसएफ और आईटीबीपी द्वारा निर्माण परियोजनाओं में देरी का मामला उठाने के बाद दिए गए। सीपीडब्ल्यूडी ने अपने विशेष महानिदेशकों और अतिरिक्त महानिदेशकों को यह सुनिश्चित करने को कहा है कि इस वित्तीय वर्ष में आवंटित धन का पूरा इस्तेमाल हो।

सूत्रों ने बताया कि हाल में सीपीडब्ल्यूडी के अधिकारियों के साथ हुई बैठक में सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) ने रेखांकित किया कि उसने 144 करोड़ रुपये कार्यालय की इमारत बनाने के लिए आवंटित किए जबकि उसमें से केवल 70 फीसदी का ही इस्तेमाल किया गया।

सूत्रों ने बताया कि सीपीडब्ल्यूडी के 18 डिविजन ने 60 फीसदी से भी कम राशि खर्च की। उन्होंने बताया, ‘‘बैठक के दौरान बीएसएफ ने विभिन्न विकास कार्यों के लिए अनुमानित लागत देना लंबित होने का मामला उठाया और बताया कि कुल 156 परिसरों में केवल 65 परिसरों की अनुमानित लागत बताई गई है।

बल ने सीपीडब्ल्यूडी की क्षेत्र इकाई के काम में तेजी लाने की जरूरत बताई।’’ भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) ने सीपीडब्ल्यूडी के साथ हुई एक अन्य बैठक में परियोजनाओं की देरी का मुद्दा उठाया और कहा कि 146 परियोजनाओं में से 87 समय से पीछे चल रही हैं और उनमें से भी 13 परियोजनाएं दो साल की देरी से चल रही हैं।

सूत्रों के मुताबकि, केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) ने कार्यालय इमारत के निर्माण के लिए 106.14 करोड़ रुपये आवंटित किए लेकिन सीपीडब्ल्यूडी ने केवल 55.13 करोड़ रुपये खर्च किए। इस पृष्ठभूमि में सीपीडब्ल्यूडी ने विशेष महानिदेशकों (एसडीजी)और अतिरिक्त महानिदेशकों (एडीजी)को पत्र लिखा।

सूत्रों ने बताया, ‘‘सभी एसडीजी और एडीजी से अनुरोध किया जाता है कि वे अर्धसैनिक बलों की सभी परियोजनाओं और आंवटित कोष के इस्तेमाल में हो रही प्रगति की समीक्षा करें। यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि आवंटित कोष का इसी वित्तवर्ष में इस्तेमाल हो।’’ उल्लेखनीय है कि सीपीडब्ल्यूडी केंद्र सरकार की प्राथमिक निर्माण एजेंसी है।

Web Title: Construction of paramilitary forces should not be delayed, CPWD asked officials to review

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