JDU-RJD-BJP: बिहार में सरकार मोदी और नीतीश की और विधानसभा अध्यक्ष लालू यादव का
By एस पी सिन्हा | Published: February 7, 2024 05:38 PM2024-02-07T17:38:21+5:302024-02-07T17:41:24+5:30
JDU-RJD-BJP: बिहार में एनडीए सरकार के बहुमत साबित करने से पहले संवैधानिक संकट की स्थिति उत्पन्न हो गई है। बिहार विधानसभा अध्यक्ष अवध बिहारी चौधरी ने आज अपने खिलाफ आये अविश्वास प्रस्ताव की कोई जानकारी नहीं होने की बात कहते हुए कहा कि वे कुर्सी नहीं छोडेंगे।
JDU-RJD-BJP:बिहार में एनडीए सरकार के बहुमत साबित करने से पहले संवैधानिक संकट की स्थिति उत्पन्न हो गई है। बिहार विधानसभा अध्यक्ष अवध बिहारी चौधरी ने आज अपने खिलाफ आये अविश्वास प्रस्ताव की कोई जानकारी नहीं होने की बात कहते हुए कहा कि वे कुर्सी नहीं छोडेंगे। यानि अवध बिहारी चौधरी विधानसभा अध्यक्ष की कुर्सी पर जबरन बने रहेंगे।
अविश्वास प्रस्ताव के नोटिस के बावजूद बिहार विधानसभा अध्यक्ष अवध बिहारी चौधरी काफी सक्रिय दिख रहे हैं। उन्होंने आज वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक बुलाई। सुबह 11:30 बजे से यह अहम बैठक हुई। उसके बाद उन्होंने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि मैं अपने पद से इस्तीफा नहीं दूंगा।
उन्होंने कहा कि इसको लेकर जो नियम है, उसका पालन करना होगा।
मैं नियमावली प्रक्रिया से चलने वाला व्यक्ति हूं। पत्रकारों ने जब उनसे पूछा कि क्या आप इस्तीफा देंगे, तो उन्होंने साफ कहा 'क्यों देंगे इस्तीफा।' अवध बिहारी चौधरी ने कहा कि उन्हें अविश्वास प्रस्ताव की जानकारी मिली है। जो अविश्वास प्रस्ताव आया है, उस पर फैसला विधायक करेंगे। बिहार विधानसभा संचालन की जो नियमावली बनी हुई है।
उससे एक इंच ना दाहिने ना बाएं उसी के अनुसार में काम करूंगा। उन्होंने कहा कि देश में संविधान है और संविधान में जो अनुच्छेद है उसके तहत काम करेंगे। मैं इस्तीफा नहीं दूंगा, मुझे आज पता चला है कि मेरे ऊपर अविश्वास प्रस्ताव लाया गया है। इसके अलावा खेला होने के सवाल पर कहा कि इसके बारे में मुझे नहीं मालूम, बस संविधान के अनुसार मैं अपना काम करना जानता हूं और उसी के अनुसार काम होगा।
इसी बीच विधानसभा के उपाध्यक्ष महेश्वर हजारी ने कहा कि विधायकों का बहुमत विधानसभा अध्यक्ष को हटाने के पक्ष में है। इसलिए किसी की कुछ चलने वाला नहीं है। उल्लेखनीय है कि 2022 में महागठबंधन सरकार बनने के बाद चौधरी राजद कोटे से विधानसभा अध्यक्ष बने थे। अब जब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राजद की अगुवाई वाले महागठबंधन को छोड़कर भाजपा नीत एनडीए के साथ सरकार बनाई है तब चौधरी को हटाने की तैयारी शुरू कर दी गई है।
भाजपा के कई विधायकों ने चौधरी के खिलाफ 28 जनवरी को अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस विधानसभा के सचिव को सौंपा गया। विधानसभा को संचालित करने के लिए बनी नियमावली के मुताबिक अगर अध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव आता है तो उसके 14 दिन बाद सदन में उस पर चर्चा होगी। सदन की कार्यवाही के दौरान कम से कम 37 विधायक खड़े होकर कहेंगे कि अध्यक्ष के खिलाफ प्रस्ताव लाया गया है।
इसके बाद अध्यक्ष अपना आसन छोड़ देंगे और उपाध्यक्ष उस आसन पर बैठेंगे। फिर अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग होगी। अगर सदन में मौजूद विधायकों के बहुमत ने अध्यक्ष के खिलाफ वोटिंग कर दी तो उन्हें अपनी कुर्सी छोड़ देनी पड़ेगी।
विधानसभा अध्यक्ष के इस दांव से निपटने के लिए एनडीए राज्यपाल के पास जा सकती है। राज्यपाल राज्य के संवैधानिक प्रमुख हैं। वे विधानसभा अध्यक्ष को सलाह दे सकते हैं, लेकिन अध्यक्ष के लिए उसे मानना जरूरी नहीं है। इससे नया टकराव शुरू हो सकता है।