चिकित्सा पाठ्यपुस्तकों में कुछ सामग्री के खिलाफ याचिका पर विचार करें: केरल उच्च न्यायालय

By भाषा | Updated: September 8, 2021 19:21 IST2021-09-08T19:21:16+5:302021-09-08T19:21:16+5:30

Consider petition against certain material in medical textbooks: Kerala High Court | चिकित्सा पाठ्यपुस्तकों में कुछ सामग्री के खिलाफ याचिका पर विचार करें: केरल उच्च न्यायालय

चिकित्सा पाठ्यपुस्तकों में कुछ सामग्री के खिलाफ याचिका पर विचार करें: केरल उच्च न्यायालय

कोच्चि, आठ सितंबर केरल उच्च न्यायालय ने स्नातक चिकित्सा शिक्षा बोर्ड, नई दिल्ली को निर्देश दिया है कि वह चिकित्सा पाठ्यपुस्तकों में कथित क्वीर फोबिक सामग्री के खिलाफ एलजीबीटीक्यू समुदाय के कल्याण के लिए काम कर रहे दो गैर सरकारी संगठनों के अभ्यावेदन पर विचार करे।

अदालत ने अपने सात सितंबर के आदेश में बोर्ड को निर्देश दिया कि अंतिम निर्णय लेने से पहले वह गैर सरकारी संगठनों- क्वीरिदम और दिशा द्वारा दिए गए अभ्यावेदन पर केरल स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय, त्रिशूर की टिप्पणियों और विचारों को प्राप्त करे। आदेश की कॉपी बुधवार को उपलब्ध करायी गयी।

अदालत ने कहा कि तत्काल आदेश मिलने के आठ सप्ताह के भीतर फैसला लेना होगा।

गैर सरकारी संगठनों ने कहा कि लेस्बियन, गे, बाय-सेक्सुअल, ट्रांसजेंडर और क्वीर (एलजीबीटीक्यू) समुदाय के संबंध में पाठ्यपुस्तकों में भेदभावपूर्ण टिप्पणी और अमानवीय संदर्भ दिए गए हैं।

उन्होंने आरोप लगाया कि किताबों की सामग्री में समुदाय की यौन या लिंग पहचान को अपराध, मानसिक विकार या विकृति के रूप में चित्रित किया गया है।

उन्होंने कहा कि यह उनके मौलिक और संवैधानिक अधिकारों का उल्लंघन है, जिसे उच्चतम न्यायालय द्वारा भी मान्यता दी गई है, जिसने सहमति के साथ वयस्कों के बीच समलैंगिक यौन संबंध को अपराध की श्रेणी से बाहर कर दिया है।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

Web Title: Consider petition against certain material in medical textbooks: Kerala High Court

भारत से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे