कांग्रेस की हरियाणा इकाई में बढ़ी गुटबाजी, हुड्डा समर्थक विधायकों ने उठाई नेतृत्व परिवर्तन की मांग

By भाषा | Updated: July 2, 2021 19:35 IST2021-07-02T19:35:21+5:302021-07-02T19:35:21+5:30

Congress's Haryana unit increased factionalism, Hooda's supporters raised the demand for change of leadership | कांग्रेस की हरियाणा इकाई में बढ़ी गुटबाजी, हुड्डा समर्थक विधायकों ने उठाई नेतृत्व परिवर्तन की मांग

कांग्रेस की हरियाणा इकाई में बढ़ी गुटबाजी, हुड्डा समर्थक विधायकों ने उठाई नेतृत्व परिवर्तन की मांग

नयी दिल्ली, दो जुलाई कांग्रेस की पंजाब और राजस्थान इकाइयों में कलह की स्थिति अभी थमी भी नहीं थी कि पार्टी की हरियाणा इकाई में गुटबाजी बढ़ गई है क्योंकि पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के समर्थक विधायक व नेता प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष पद से कुमारी सैलजा को हटाने की मांग कर रहे हैं।

दूसरी तरफ, सैलजा के समर्थकों का कहना है कि पूर्व मुख्यमंत्री और इंडियन नेशनल लोक दल (इनेलो) के नेता ओमप्रकाश चौटाला की जेल से रिहाई के बाद हुड्डा गुट अपनी सक्रियता बढ़ाने की कोशिश में है ताकि जाट समुदाय के बीच पकड़ को बनाए रखा जा सके।

कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि पार्टी के प्रदेश प्रभारी विवेक बंसल के साथ बृहस्पतिवार को हुई बैठक में शामिल 19 विधायकों में से ज्यादातर ने प्रदेश में नेतृत्व परिवर्तन की मांग की और हुड्डा को प्रदेश कांग्रेस की कमान सौंपने की पैरवी की। हुड्डा फिलहाल विधायक दल के नेता हैं। हरियाणा में कांग्रेस के 31 विधायक हैं।

विधायकों के साथ बैठक के बारे में पूछे जाने पर बंसल ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘यह सामान्य बैठक थी। संगठन और पंचायत चुनाव को लेकर बात हुई। इसमें किसान आंदोलन और पार्टी को मजबूत करने के बारे में भी बात हुई।’’

उधर, प्रदेश कांग्रेस कमेटी की अध्यक्ष सैलजा ने बंसल के साथ हुड्डा समर्थक विधायकों की दिल्ली में मुलाकात को ज्यादा तवज्जो नहीं देने की कोशिश करते हुए कहा कि विधायक पार्टी के प्रभारी से मिल सकते हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘मैं इसमें कोई अनुशासनहीनता नहीं देखती। यह विधायकों का अधिकार है। बंसल ने बाद में स्पष्ट भी किया कि बैठक किस बारे में थी।’’

हुड्डा समर्थक एक वरिष्ठ नेता ने नाम नहीं जाहिर करने की शर्त पर कहा, ‘‘हरियाणा कांग्रेस में अब नेतृत्व परिवर्तन की जरूरत है। हमारा मानना है कि हुड्डा जी की अगुवाई में ही भाजपा की सरकार को ज्यादा कारगर ढंग से चुनौती दी जा सकती है और कांग्रेस मजबूत हो सकती है।’’

उधर, सैलजा समर्थक एक नेता का कहना है, ‘‘नेतृत्व परिवर्तन की मांग कोई नयी नहीं है। लेकिन इस सक्रियता (हुड्डा गुट की) का कारण ओमप्रकाश चौटाला की जेल से रिहाई और जाट राजनीति है। हुड्डा गुट जाट समुदाय के बीच अपनी पकड़ बनाए रखना चाहता है और उसे यह पता है कि इसमें ओमप्रकाश चौटाला से उसे चुनौती मिल सकती है।’’

उल्लेखनीय है कि शिक्षक भर्ती घोटाला मामले में करीब 10 साल की सजा काटने के बाद ओम प्रकाश चौटाला को शुक्रवार को रिहा कर दिया गया।

चौटाला हरियाणा की राजनीति में बड़े जाट नेता के तौर पर देखे जाते हैं। दूसरी तरफ, हुड्डा भी राज्य के बड़े जाट नेता हैं। राज्य में किसी सरकार को बनाने में जाट मतदाताओं की भूमिका महत्वपूर्ण मानी जाती है।

सैलजा समर्थक नेता ने इस बात पर भी जोर दिया, ‘‘सैलजा जी ने अब तक सभी नेताओं और समूहों के साथ संतुलन बनाकर काम किया है। आगे संगठन बनाने में भी सबकी सुनी जाएगी।’’

हरियाणा कांग्रेस में पिछले कुछ वर्षों से स्थानीय स्तर पर संगठन का निर्माण भी नहीं हो पाया है। सैलजा के करीबी सूत्रों का कहना है कि आने वाले कुछ सप्ताह में सभी 22 जिलों में अध्यक्षों की नियुक्ति हो सकती है।

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