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प्रधानमंत्री के काफिले में नई कार शामिल किए जाने पर कांग्रेस ने साधा सरकार पर निशाना

By भाषा | Updated: December 29, 2021 20:53 IST

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नयी दिल्ली, 29 दिसंबर कोविड-19 महामारी के चलते अर्थव्यवस्था पर हुए नकारात्मक प्रभावों के बावजूद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गाड़ियों के काफिले में शामिल करने के लिए मर्सिडीज की नई लक्जरी कार की खरीद किए जाने पर कांग्रेस ने बुधवार को केंद्र सरकार को आड़े हाथों लिया।

प्रधानमंत्री द्वारा खुद को ‘‘फकीर’’ कहे जाने की याद दिलाते हुए कांग्रेस प्रवक्ता गौरव वल्लभ ने कहा कि ‘‘देश का हर व्यक्ति मोदी की तरह फकीर होना चाहता है जो 8000 करोड़ रुपये के हवाईजहाज और 20 करोड़ रुपये की कार में घूमते हैं और 2000 करोड़ रुपये एक घर बनाने पर खर्च करते हैं।’’

ज्ञात हो कि विशेष सुरक्षा दल (एसपीजी) द्वारा प्रधानमंत्री के गाड़ियों के काफिले में मर्सिडीज-मेबैक एस 650 को शामिल किया गया है। सरकारी सूत्रों ने इसे नियमित बदलाव करार दिया और कहा कि कार निर्माता कंपनी बीएमडब्ल्यू ने गाड़ी के उस मॉडल को बनाना बंद कर दिया है, जिसका प्रधानमंत्री द्वारा पहले इस्तेमाल किया जा रहा था।

आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि एसपीजी सुरक्षा के मुताबिक प्रधानमंत्री के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले वाहनों को छह साल में बदलने का नियम है। उन्होंने यह भी कहा कि उनकी सुरक्षा के मद्देनजर कौन सी गाड़ी का इस्तेमाल किया जाएगा, इसके बारे में प्रधानमंत्री ने कोई वरीयता तय नहीं की।

सूत्रों के मुताबिक प्रधानमंत्री से संबंधित पिछली कारों का इस्तेमाल आठ साल तक किया गया, जिस पर ऑडिट में आपत्ति जताई गई और टिप्पणी की गई कि यह सुरक्षा प्राप्त करने वाले के जीवन से समझौता करने जैसा है।

आधिकारिक सूत्रों ने यह भी कहा कि कार की कीमतें मीडिया में लगाई जा रहीं अटकलों से काफी काम हैं, असल में तो यह मीडिया में बताई जा रहीं कीमतों से एक तिहाई कम है।

मीडिया के एक तबके में मेबैक कार की कीमत 12 करोड़ रुपये से ज्यादा बताई जा रही है।

हालांकि, कांग्रेस प्रवक्ता ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री ने सात सालों में पांच कार बदल दी।

उन्होंने कहा, ‘‘पिछले दो सालों में लोगों ने नौकरियां गवांई, उनके वेतन में कटौती हुई, व्यवसाय और व्यापार में नकारात्मक असर दिखा, लेकिन गाड़ियां बदलने की प्रधानमंत्री की रफ्तार में कोई परिवर्तन नहीं हुआ...आप कार क्यों खरीद रहे हैं?’’

वल्लभ ने कहा कि देश ने ऐसे प्रधानमंत्रियों को देखा है जिन्होंने लोगों की चिंता की, उन्होंने इस तरह हर दो वर्ष में कारें नहीं बदलीं।

उन्होंने संवाददाताओं से बातचीत में कहा, ‘‘वर्ष 2014 में महिंद्रा स्कोर्पियो, वर्ष 2015 में बीएमडब्ल्यू सात सीरिज, वर्ष 2017 में टोयोटा लैंड क्रूजर, वर्ष 2019 में जगुआर रेंज रोवर वोग और वर्ष 2021 में मर्सिडीज मेबैक।’’

प्रधानमंत्री के ‘‘मेक इन इंडिया’’ के आह्वान पर तंज कसते हुए कांग्रेस नेता ने कहा कि वर्ष 2014 के बाद मोदी कभी भारत में निर्मित कार पर नहीं बैठे।

वल्लभ ने कहा, ‘‘वोकल फोर लोकल, आत्मनिर्भर भारत महज स्लोगन बनकर रह गए हैं...भारत निर्मित कोई कार ही नहीं है। स्कोर्पियों से शुरुआत हुई लेकिन उसके बाद वह कभी भारतीय कार में नहीं बैठे।’’

उन्होंने कहा, ‘‘महामारी के चलते खरीदने की हमारी क्षमता प्रभावित हुई है। कपड़ों की एक जोड़ी खरीदने के लिए दो बार सोचना पड़ता है। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया भी कहता है कि ग्राहक उदास हैं।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

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