मणिपुर हिंसा को लेकर कांग्रेस ने पीएम मोदी को घेरा, चुप्पी साधने का आरोप लगाया
By शिवेन्द्र कुमार राय | Published: June 17, 2023 07:13 PM2023-06-17T19:13:51+5:302023-06-17T19:15:09+5:30
मणिपुर में 3 मई से जारी हिंसा अब भी जारी है। एक दिन पहले ही इंफाल पश्चिम के इरिंगबाम थाने पर सैकड़ों लोगों की भीड़ ने हथियार लूटने की कोशिश की, हालांकि सुरक्षाबलों ने उन्हें खदेड़ दिया। मणिपुर के पूर्व मुख्यमंत्री ओकराम इबोबी सिंह ने कहा कि मई से मणिपुर राज्य जल रहा है।
नई दिल्ली: मणिपुर में जारी जातीय हिंसा को लेकर कांग्रेस ने पीएम मोदी पर चुप्पी साधने का आरोप लगाया है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने नई दिल्ली में शनिवार, 17 जून को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की। जयराम नरेश ने कहा कि 10 जून से मणिपुर की 10 विपक्षी पार्टियां प्रधानमंत्री से मिलने के मौके का इंतजार कर रही हैं। उन्होंने 10 जून को पीएम को पत्र भेजा और उनसे मिलने का अनुरोध किया, वे अभी भी इंतजार कर रहे हैं। उन्हें उम्मीद है कि 20 जून को विदेश यात्रा पर जाने से पहले प्रधानमंत्री उनसे मिलने का समय निकाल लेंगे।
विपक्ष की 10 पार्टियों ने 10 तारीख को लिखित में PM मोदी को एक खत भेजा था कि हम मणिपुर मामले पर आपसे मिलना चाहते हैं।
— Congress (@INCIndia) June 17, 2023
आज भी इन 10 पार्टियों के प्रतिनिधि PM मोदी से मुलाकात के लिए इंतजार कर रहे हैं।
: @Jairam_Ramesh जी pic.twitter.com/OSRWCycOCQ
मणिपुर के पूर्व मुख्यमंत्री ओकराम इबोबी सिंह ने कहा कि मई से मणिपुर राज्य जल रहा है और आज भी जल रहा है। महिलाओं और बच्चों सहित 20,000 लोगों ने शिविरों में शरण ली हुई है, हर जगह हाहाकार मच गया है। हालांकि, प्रधानमंत्री ने अभी तक मणिपुर को लेकर कुछ भी जाहिर नहीं किया है।
Since May, the state of Manipur has been burning, and to this day, it continues to burn. There is a hue and cry everywhere, with 20,000 people, including women and children, taking shelter in camps. However, the Prime Minister has not yet expressed anything regarding Manipur. Is… pic.twitter.com/Lxziuvvt3c
— Congress (@INCIndia) June 17, 2023
उन्होंने पूछा कि मणिपुर भारत का हिस्सा है या नहीं? अगर है तो भारत के प्रधानमंत्री ने इसके बारे में क्यों नहीं बोला? हम, दस समान विचारधारा वाले राजनीतिक दलों ने शांति की वकालत करते हुए एक ज्ञापन तैयार किया है। हम यहां राजनीतिक लाभ के लिए नहीं हैं। हम बस शांति चाहते हैं। कृपया हमारी मदद करें।
कांग्रेस ने आरोप लगाया कि केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के दौरे के बाद भी राज्य में कुछ ज्यादा नहीं बदला है। गृह मंत्री के दौरे के बाद भी मणिपुर में हिंसा बदस्तूर जारी है। कांग्रेस के साथ आई अन्य विपक्षी पार्टियों के नेताओं ने भी आरोप लगाया कि मौजूदा सरकार मणिपुर में स्थिति से निपटने में बुरी तरह विफल रही है।
बता दें कि मणिपुर में 3 मई से जारी हिंसा अब भी जारी है। एक दिन पहले ही इंफाल पश्चिम के इरिंगबाम थाने पर सैकड़ों लोगों की भीड़ ने हथियार लूटने की कोशिश की, हालांकि सुरक्षाबलों ने उन्हें खदेड़ दिया। इस दौरान भीड़ की ओर से फायरिंग भी की गई। इससे पहले बीजेपी के एक केंद्रीय मंत्री का घर जला दिया गया था। सेना, असम राइफल्स और मणिपुर रैपिड एक्शन फोर्स स्थिति संभालने में जुटी हैं लेकिन फिर भी स्थिति बार बार बिगड़ रही है।
हाल ही में पूर्व आर्मी चीफ वीपी मलिक ने PM मोदी, गृहमंत्री अमित शाह और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से दखल देने की अपील की है। मणिपुर से ही आने वाले रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जनरल एल निशिकांत सिंह ने राज्य के हालात को सीरिया-लेबनान जैसा बताया था।