राममंदिर पर कांग्रेसी नेता का बयान, राजीव गांधी ने खुलवाए थे ताले, पार्टी का प्रधानमंत्री ही राम मंदिर बनवाएगा
By स्वाति सिंह | Updated: November 21, 2018 10:48 IST2018-11-21T10:48:06+5:302018-11-21T10:48:06+5:30
इसपर बीजेपी नेता ने कहा कि अयोध्या में राम की जन्मभूमि पर मंदिर बनाने के मसले को लेकर केंद्र सरकार 'मर्यादा' का पालन कर रही है।

राममंदिर पर कांग्रेसी नेता का बयान, राजीव गांधी ने खुलवाए थे ताले, पार्टी का प्रधानमंत्री ही राम मंदिर बनवाएगा
अयोध्या में राममंदिर के निर्माण को लेकर सियासी गलियारे में खूब गहमागहमी है। इसको लेकर सरकार और विपक्ष में खूब आरोप-प्रत्यारोप का दौर चल रहा है। इसी बीच मंगलवार को कांग्रेसी नेता और पूर्व केन्द्रीय मंत्री डॉ सीपी जोशी ने बीजेपी पर राममंदिर के नाम पर राजनीति करने का आरोप लगाया है।उन्होंने कहा किबीजेपी को अक्सर चुनाव के समय ही राममंदिर की याद आती है।
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि बीजेपी कभी राममंदिर का निर्माण नहीं करवा सकती। अगर राम मंदिर का निर्माण होगा तो वह केवल कांग्रेस की सरकार के समय ही हो सकता है।कांग्रेस का ही प्रधानमंत्री राममंदिर ही राम मंदिर बनवाएगा।सीपी जोशी ने वर्ष 1985 की बात याद दिलाते हुए कहा कि उस समय तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने ही विवादित स्थल का ताला खुलवाया था।यह बात उन्होंने न्यूज-18 के एक कार्यक्रम के दौरान कही।
#AgendaRajasthan के महामंच पर जेपी शर्मा से बोले @drcpjoshi , कांग्रेस का प्रधानमंत्री ही बनाएगा राम मंदिर, बीजेपी को चुनाव आते ही याद आते हैं राम pic.twitter.com/dzjDSRxwHd
— News18 Rajasthan (@News18Rajasthan) November 20, 2018
वहीं, इसपर बीजेपी नेता ने कहा कि अयोध्या में राम की जन्मभूमि पर मंदिर बनाने के मसले को लेकर केंद्र सरकार 'मर्यादा' का पालन कर रही है।
गौरतलब है कि पिछले महीने में अयोध्या मामले को लेकर शुरू होने वाली अंतिम सुनवाई को सुप्रीम कोर्ट ने जनवरी तक के लिए टाल दी थी। इसके बाद से लगातार चुनावों के चलते राजेनताओं और संत समाज ने राम मंदिर को लेकर कई बयान दिए।
उल्लेखनीय है कि भारतीय जनता पार्टी के 2014 लोकसभा चुनाव के बाबत जारी किए घोषणा पत्र में और 2017 उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के घोषणा पत्र में राम मंदिर बनवाना प्रमुख मुद्दों में से एक था। लेकिन लोकसभा चुनाव 2019 सिर पर आने के बाद भी राम मंदिर को लेकर कोई निर्णायक फैसला ना होना, बीजेपी के लिए घातक सिद्ध हो सकता है।