कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने सोमवार (26 मार्च) को एक बार फिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि पीएम का NaMo App गुपचुप तरीके से यूजर्स का वीडियो और ऑडियो रिकॉर्ड करता है। कांग्रेस अध्यक्ष ने आरोप लगाया कि NaMo App यूजर्स के दोस्तों और परिजनों के कॉन्टैक्टस भी हासिल कर लेता है और उनके जीपीएस (ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम) की भी निगरानी करता है। राहुल गांधी ने ट्वीट किया, "वो बिग बॉस की तरह हैं जिस भारतीयों की जासूसी करना पसंद है।" कांग्रेस अध्यक्ष ने आरोप लगाया कि पीएम नरेंद्र मोदी देश के 13 लाख एनसीसी (नेशनल कैडट कोर) के बच्चों से जुड़ा डाटा भी हासिल करना चाहते हैं और इसलिए उन्हें ये ऐप डाउनलोड करने के लिए बाध्य किया जा रहा है। इससे पहले रविवार (25 मार्च) को कांग्रेस अध्यक्ष ने आरोप लगाया था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी NaMo App का डाटा अपने "अमेरिकी दोस्तों" को दे रहे हैं। राहुल गांधी के आरोपों को भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने बेबुनियाद बताते हुए उनकी तकनीकी जानकारी पर सवाल उठाया। प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने भी राहुल गांधी के आरोपों को बेबुनियाद बताया।
शनिवार (24 मार्च) को खुद को फ्रांसीसी सिक्योरिटी एक्सपर्ट बताने वाले एक ट्विटर यूजर ने दावा किया कि NaMo App का डाटा अमेरिका की एक कंपनी के साथ शेयर किया जाता है। उसके बाद मीडिया रिपोर्ट में ये दावा किया गया है कि NaMo App यूजर्स से 22 तरह के डाटा लेता है और उसमें से कुछ डाटा अमेरिकी कंपनी के साथ शेयर किया जाता है। इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार NaMo App यूजर्स से उनके ऑडियो, वीडियो, फोन नंबर इत्यादि के जानकारी लेने की इजाजत लेता है। रिपोर्ट में दावा किया गया कि NaMo App यूजर को बिना बताए ही उनका डाटा अमेरिकी कंपनी के साथ शेयर करता था। इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट में दावा किया गया कि NaMo App द्वारा थर्ड पार्टी को डाटा दिए जाने की खबर सामने आने के बाद प्रधानमंत्री की वेबसाइट पर ये जानकारी दी गयी कि NaMo App का कुछ डाटा थर्ट पार्टी के साथ शेयर किया जा सकता है।
बीजेपी आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने इंडियन एक्सप्रेस अखबार से कहा कि यूजर्स को बेहतर सुविधा देने के लिए NaMo App का कुछ डाटा गूगल एनालिटिक जैसी एक एनालिटिक कंपनी के साथ शेयर किया जाता है। अमित मालवीय ने कहा कि थर्ड पार्टी कंपनी भारतीय यूजर्स का डाटा स्टोर नहीं करती और न ही उसका इस्तेमाल करती है। हालाँकि मालवीय ने इंडियन एक्सप्रेस के इस सवाल का जवाब नहीं दिया कि क्या ये डाटा यूजर्स को बिना बताये इकट्ठा किया गया था।
फेसबुक के संस्थापक मार्क ज़करबर्ग ने ब्रिटेन और अमेरिका के अखबारों में विज्ञापन छपवाकर डाटा लीक और उसके दुरुपयोग के लिए माफी माँगी। ज़करबर्ग ने अपने आधिकारिक फेसबुक पेज पर भी यूजर्स से डाटा लीक के लिए माफी माँगी। ज़करबर्ग ने कहा है कि साल 2014 में कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर एलेक्जेंडर कोगन को कुछ प्रयोग करने के लिए फेसबुक पर अपना ऐप चलाने का मौका दिया गया था। ज़करबर्ग ने कहा कि कोगन ने फेसबुक का भरोसा तोड़ते हुए इस डाटा को कैम्ब्रिज एनालिटिका नामक प्राइवेट कंपनी को दे दिया।
कैम्ब्रिज एनालिटिका अमेरिका और ब्रिटेन समेत की देशों में चुनाव प्रचार की रणनीति बनाने में मदद करती है। कैम्ब्रिज एनालिटिका की वेबसाइट पर दी गयी जानकारी के अनुसार बीजेपी, कांग्रेस और जदयू उसके क्लाइंट रहे हैं। मामला सामने आने के बाद कैम्ब्रिज एनालिटिका ने अपने सीईओ एलेक्जेंडर निक्स को नौकरी से हटा दिया। कैम्ब्रिज एनालिटिका की भारतीय साझीदार कंपनी के निदेशक अम्बरीश त्यागी जदयू नेता केसी त्यागी के बेटे हैं।