आवश्यक वस्तु अधिनियम की पैरवी वाली संसदीय समिति की रिपोर्ट से कांग्रेस सांसदों ने खुद को अलग किया
By भाषा | Updated: March 20, 2021 22:40 IST2021-03-20T22:40:17+5:302021-03-20T22:40:17+5:30

आवश्यक वस्तु अधिनियम की पैरवी वाली संसदीय समिति की रिपोर्ट से कांग्रेस सांसदों ने खुद को अलग किया
नयी दिल्ली, 20 मार्च कांग्रेस के तीन सांसदों ने शनिवार को संसद की एक स्थायी समिति की उस रिपोर्ट से खुद को अलग कर लिया जिसमें केंद्र सरकार से ‘आवश्यक वस्तु (संशोधन) अधिनियम-2020’ को लागू करने की अनुशंसा की गई है।
उल्लेखनीय है कि यह अधिनियम भी उन तीनों कानूनों में से एक है, जिनके खिलाफ किसान संगठन पिछले कुछ महीनों से दिल्ली की सीमा के निकट कई स्थानों पर प्रदर्शन कर रहे हैं।
कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस ने भाजपा पर आरोप लगाया है कि नियमों को उल्लंघन किया गया और समिति के नियमित अध्यक्ष सुदीप बंदोपाध्याय की गैरमौजूदगी में इस रिपोर्ट को आगे बढ़ा दिया गया। तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता बंदोपाध्याय इन दिनों पश्चिम बंगाल चुनाव में व्यस्त हैं।
कांग्रेस के तीन सांसदों- सप्तगिरी उल्का, राजमोहन उन्नीथन और वी वैथिलिंगम ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को अलग-अलग पत्र लिखकर आग्रह किया है कि वह इस मामले में संज्ञान लें और उन्हें लिखित असहमति दर्ज कराने की अनुमति दें।
भाजपा सांसद अजय मिश्रा टेनी की कार्यवाहक अध्यक्षता में खाद्य एवं उपभोक्ता संबंधी स्थायी समिति की रिपोर्ट गत 19 मार्च को लोकसभा के पटल पर रखी गई।
उल्का ने लोकसभा अध्यक्ष को लिखे पत्र में कहा, ‘‘कृपया इस मामले का संज्ञान लें और मुझे इस रिपोर्ट में आधिकारिक रूप से असहमति दर्ज कराने का अवसर प्रदान करें।’’
उल्लेखनीय है कि इस रिपोर्ट में केंद्र सरकार से अनुशंसा की गई है कि ‘आवश्यक वस्तु (संशोधन) अधिनियम-2020’ को ‘अक्षरश:’ लागू किया जाए।
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