कांग्रेस विधायक ‘सरकार में शामिल हुए’, लेकिन विपक्षी पार्टी में ही रहेंगे
By भाषा | Updated: December 20, 2021 22:27 IST2021-12-20T22:27:34+5:302021-12-20T22:27:34+5:30

कांग्रेस विधायक ‘सरकार में शामिल हुए’, लेकिन विपक्षी पार्टी में ही रहेंगे
गुवाहाटी, 20 दिसंबर असम में विपक्षी कांग्रेस के विधायक शशिकांत दास विधानसभा के शीतकालीन सत्र के पहले दिन ‘ सरकार’ में शामिल हो गए और वह सरकार के साथ मिलकर काम करेंगे लेकिन कांग्रेस से तत्काल इस्तीफा नहीं देंगे।
कांग्रेस ने कुछ घंटे के अंदर ही दास को कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया और उनसे एक दिन में अपनी नीति और नीयत स्पष्ट करने को कहा है।
असम प्रदेश कांग्रेस महासचिव बोबीता शर्मा ने दास को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। उन्होंने कहा है कि पूरे मीडिया के सामने दास भाजपा सरकार को समर्थन की पेशकश करते और सरमा तथा प्रदेश भाजपा प्रमुख भबेश कलिता के प्रति अपनी निष्ठा जाहिर करते हुए दिखे हैं।
मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा और कलिता ने विधानसभा परिसर में मुख्यमंत्री के कक्ष में तब दास का स्वागत किया जब विधानसभा की कार्यवाही चल रही थी। दास लंबे अरसे से कांग्रेस से जुड़े रहे हैं। कांग्रेस ने इस घटनाक्रम को 'चौंकाने वाला' बताया है।
सरमा ने विपक्षी विधायक का स्वागत करते हुए पत्रकारों से कहा, “ दास ने राहा निर्वाचन क्षेत्र को विकसित करने के लिए सरकार में शामिल होने का फैसला किया जहां से वह चुने गए थे। अभी यह तय नहीं है कि वह हमारे राजनीतिक दल में शामिल होंगे या नहीं।”
उन्होंने कहा कि वह कांग्रेस विधायक बने रहेंगे और तुरंत इस्तीफा नहीं देंगे। एनएसयूआई से कांग्रेस से जुड़े रहे दास इस साल विधानसभा चुनाव में नगांव जिले के राहा निर्वाचन क्षेत्र से विधानसभा पहुंचे थे।
सरमा से जब पूछा गया कि क्या दास भाजपा विधायक दल की बैठकों में शामिल होंगे, तो उन्होंने कहा, "कभी-कभी, वह हमारे कमरे में बैठेंगे। लेकिन सदन में, वह कांग्रेस के साथ बैठेंगे।"
दास ने कहा कि वह असम में सभी समुदायों के विकास के लिए सरमा के नेतृत्व वाली सरकार द्वारा शुरू किए गए सक्रिय कदमों से प्रभावित हैं।
उन्होंने कहा, “मुझे सरमा पर बरसों से भरोसा है। मैं उनसे राहा के कुछ विकास संबंधी मुद्दों के लिए मिला था और वह उन पर बहुत सकारात्मक थे। मैं केवल विकास के उद्देश्य से सरकार के साथ हूं, लेकिन कांग्रेस छोड़ने पर कुछ भी तय नहीं किया है।”
घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया करते हुए, विपक्ष के नेता देवव्रत सैकिया (कांग्रेस) ने कहा कि दास पार्टी के बुरे दिनों में भी कांग्रेस के साथ रहे हैं और उनका कदम "हमारे लिए एक चौंकाने वाला है।”
सैकिया ने कहा, “ शीतकालीन सत्र के पहले दिन यह हो जाएगा, हमें इसका अंदाज़ा नहीं था। कांग्रेस में रहने के चलते उल्फा ने दास को यातनाएं दी थी। पार्टी के प्रति उनकी ऐसी प्रतिबद्धता थी।”
विधानसभा के 126 सदस्यीय सदन में भाजपा के पास फिलहाल 62 विधायक हैं जबकि उसकी सहयोगी यूपीपीएल के पास सात और एनजीपी के विधायकों की संख्या नौ है।
वहीं विपक्षी खेमे में, कांग्रेस के सदस्यों की संख्या 27 है जबकि एआईयूडीएफ के 15 विधायक हैं। इसके बाद बीपीएफ के तीन और माकपा का एक सदस्य है। विधानसभा में एक निर्दलीय विधायक भी है।
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