जयपुर: राजस्थान के पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बीच की अदावत एक बार फिर से सतह पर आ गई है। दोनों को जब भी मौका मिलता है एक दूसरे पर निशाना साधने से नहीं चूकते। सचिन पायलट ने मंगलवार, 9 मई को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर सीधा हमला बोला और कहा कि अशोक गहलोत के पिछले भाषण से ऐसा लगता है कि उनकी नेता सोनिया गांधी नहीं बल्कि वसुंधरा राजे हैं।
दरअसल मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने रविवार, 7 मई को दावा किया था कि वसुंधरा राजे और दो अन्य भाजपा नेताओं ने उनकी पार्टी के विधायकों द्वारा 2020 के विद्रोह के दौरान उनकी सरकार को बचाने में मदद की थी। उन्होंने कांग्रेस के बागी विधायकों पर भी निशाना साधा और कहा कि उन्हें भाजपा से लिए गए पैसे वापस करने चाहिए ताकि वे बिना किसी दबाव के अपना कर्तव्य निभा सकें। धौलपुर में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए, मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार को तीन भाजपा नेताओं, पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे, पूर्व विधानसभा अध्यक्ष कैलाश मेघवाल और विधायक शोभरानी कुशवाह के समर्थन के कारण बचाया जा सका।
सचिन पायलट ने गहलोत के इसी बयान का जिक्र करके कहा, "एक तरफ ये कहा जा रहा है कि हमारी सरकार को गिराने का काम बीजेपी कर रही थी। दूसरी तरफ कह रहे हैं कि हमारी सरकार वसुंधरा राजे ने बचाई थी। इस बयान में काफी विरोधाभास है। मुझे लगता है कि इसे स्पष्ट करना चाहिए। मैंने पहली बार देखा, अपनी सरकार, अपने विधायक, अपने नेताओं को बदनाम करने का काम हो रहा है। ये समझ से परे है कि कांग्रेस विधायकों को बदनाम किया जा रहा है, जबकि बीजेपी के नेताओं का गुणगान हो रहा है।"
सचिन पायलट ने कहा कि अशोक गहलोत का बयान सुनकर हमें पता चल गया कि आखिर अब तक अशोक गहलोत वसुंधरा राजे के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामले में कार्रवाई क्यों नहीं कर रहे हैं। प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान सचिन पायलट ने कहा कि वह 11 मई से 5 दिन की जन संघर्ष यात्रा निकालने जा रहे हैं। यह यात्रा अजमेर से शुरू होगी। यात्रा भ्रष्टाचार के खिलाफ होगी। इस यात्रा के बाद कोई दूसरा फैसला लिया जाएगा।