लोकसभा चुनाव संपन्न होने के साथ ही कांग्रेस के लिए एक और बड़ी चुनौती सामने आने वाली है। उसे पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के लिए राज्यसभा की सीट तलाश करनी होगी क्योंकि जून के मध्य में उनका कार्यकाल खत्म हो रहा है। वह इस समय असम से राज्यसभा सांसद हैं और राज्य में इस समय जो राजनैतिक स्थिति है उसके लिहाज से उनका वहां से फिर से चुनकर आना नामुमकिन है।
असम से राज्यसभा की दो सीट कांग्रेस के पास है। इनमें से एक का प्रतिनिधित्व पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह करते हैं तो दूसरी सीट एस. कुजुर के पास है। दोनों का कार्यकाल जून के मध्य में खत्म हो रहा है। राज्य में इस समय भाजपा की सरकार है। ऐसे में जीत के लिए जरूरी पहली वरीयता के 43 मत मिलना कांग्रेस उम्मीदवार के लिए नामुमकिन होगा। ऐसे में यह निश्चित है कि अगर कांग्रेस यहां से उन्हें दोबारा उम्मीदवार बनाती है तो उनकी जीत शायद ही संभव हो पाए। ऐसे में कांग्रेस के सामने चुनौती है कि उन्हें किस राज्य से राज्यसभा में लेकर आए।
कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि हम कर्नाटक या किसी अन्य दक्षिणी राज्य से उन्हें राज्यसभा में लाने का प्रयास कर सकते हैं। लेकिन यह भी देखना होगा कि क्या वह स्वयं राज्यसभा में आने के इच्छुक हैं। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की सीट इसलिए कांग्रेस के लिए महत्वपूर्ण हो जाती है क्योंकि इस आम चुनाव में मोदी सरकार की आर्थिक नीतियों पर हमला करने के लिए वह कांग्रेस के सबसे बड़े चेहरे के तौर पर सामने आए हैं।
उन्होंने न केवल मोदी सरकार की आर्थिक नीतियों को विध्वसंक बताया बल्कि यह भी कहा कि इससे अर्थव्यवस्था धीमी हो गई है। यह माना जा रहा है कि कांग्रेस उन्हें अपनी पकड़ वाले किसी राज्य से राज्यसभा में लाने का प्रयास करेगी। लेकिन इन राज्यों में भी भाजपा से उसे चुनौती मिलने की संभावना है। ऐसे में यह देखना रोचक होगा कि कांग्रेस उन्हें किस राज्य से उच्च सदन में लाने का निर्णय करती है।