"कांग्रेस नेताओं को अपना राजनीतिक भविष्य भाजपा में नजर आ रहा है, पार्टी अपनी दुर्दशा पर आत्ममंथन करे", कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अश्विनी कुमार ने कहा
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: February 28, 2024 02:51 PM2024-02-28T14:51:49+5:302024-02-28T14:57:17+5:30
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व कानून मंत्री अश्विनी कुमार ने हिमाचल प्रदेश विधानसभा में बहुमत के बावजूद राज्यसभा चुनाव में मिली शर्मनाक हार को लेकर पार्टी की जमकर आलोचना की।
नई दिल्ली: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व कानून मंत्री अश्विनी कुमार ने बुधवार को हिमाचल प्रदेश विधानसभा में बहुमत के बावजूद राज्यसभा चुनाव में मिली शर्मनाक हार को लेकर पार्टी की जमकर आलोचना की और कहा कि कांग्रेस जिस तेजी से राजनीतिक दुर्दशा की ओर जारी है। उसके बारे में पार्टी को गहन विमर्श करने की आवश्यकता है।
समाचार एजेंसी एएनआई के बात करते हुए अश्विनी कुमार ने कहा, "कांग्रेस पार्टी आज जिस दुर्दशा का सामना कर रही है, उसके बारे में पार्टी को गहराई से सोचना चाहिए। राज्यसभा चुनाव के नतीजे कांग्रेस के लिए बहुत निराशाजनक हैं। मेरा मानना है कि हिमाचल में जो कुछ हुआ है, उसकी किसी को कोई आशंका या उम्मीद नहीं थी।"
पूर्व कानून मंत्री ने कहा कि कांग्रेस को चिंता करने की जरूरत है क्योंकि उसके नेता लगातार पार्टी छोड़ रहे हैं और पार्टी के विधायकों का भाजपा के प्रति बढ़ता झुकाव इस बात को दर्शाता है कि उन्हें अपना राजनीतिक भविष्य भाजपा में नजर आ रहा है।
उन्होंने कहा, "कांग्रेस विधायकों का भारतीय जनता पार्टी के प्रति बढ़ता झुकाव दिखाता है कि ज्यादातर लोग अपना भविष्य बीजेपी के साथ देख रहे हैं। कांग्रेस पार्टी से दलबदल क्यों हो रहा है? इसके बारे में पार्टी को चिंता करने की जरूरत है।"
अश्विनी कुमार ने आगे कहा कि कांग्रेस पार्टी के राजनीतिक प्रबंधन से पता चलता है कि पार्टी ने एक बड़ी गलती की है, खासकर जब से सोनिया गांधी ने खुद को रोजमर्रा की राजनीति से दूर कर लिया है।
उन्होंने कहा, "ऐसे माहौल में नेताओं के पार्टी छोड़ने की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं। मुझे नहीं लगता कि कांग्रेस पार्टी बीजेपी के लिए कोई बड़ी चुनौती खड़ी कर सकती है।"
इसके साथ उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व की सराहना करते हुए कहा कि आज के समय में भाजपा देश के राजनीति का केंद्र बन गयी है।
अश्विनी कुमार ने कहा, ''राज्यसभा चुनाव नतीजों से एक बड़ा संदेश यह आया है कि आज बीजेपी कांग्रेस की जगह ले चुकी है और नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भाजपा देश के राजनीति का केंद्र बन गई है। चाहे विपश्री गठबंधन इंडिया या कांग्रेस खड़े हों, दलबदल का यह दौर आगे भी जारी रहेगा।"
पूर्व कानून मंत्री ने कहा, "मेरा मानना है कि पिछले कुछ दिनों में हमने जो देखा है वह हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस सरकार के लिए खतरे की घंटी है और मुझे लगता है कि अगर एक या दो और विधायक कांग्रेस पार्टी से अलग हो जाते हैं तो हिमाचल में सरकार को बचाना मुश्किल हो जाएगा।"
मालूम हो कि बीते मंगलवार को हिमाचल में सत्ता में काबिज कांग्रेस पार्टी को उस समय तगड़ा झटका लगा, जब कांग्रेस के राज्यसभा चुनाव के प्रत्याशी अभिषेक मनु सिंघवी राज्य विधानसभा में पार्टी के पास बहुमत होते हुए भी भाजपा प्रत्याशी हर्ष महाजन से चुनाव हार गए।
68 सदस्यीय राज्य विधानसभा में दोनों उम्मीदवारों को 34-34 वोट मिले थे। टाई-ब्रेकर के में जीत महाजन के हाथ लगी और सिंघवी को हार का सामना करना पड़ा। हिमाचल प्रदेश की विधानसभा में कांग्रेस पार्टी के 40 विधायक हैं, जबकि विपक्षी दल भाजपा के 25 विधायक हैं। वहीं शेष तीन की संख्या निर्दलीयों के पास हैं।