कांग्रेस नेता सुशील कुमार शिंदे का दर्द छलका, कहा-यह जानना मुश्किल है कि हम अभी कहां खड़े हैं
By सतीश कुमार सिंह | Updated: July 2, 2021 13:48 IST2021-07-02T13:41:16+5:302021-07-02T13:48:43+5:30
पूर्व केंद्रीय मंत्री सुशील कुमार शिंदे ने कहा कि पार्टी की विचारधारा को समझाने के लिए महाजन की बहस, परिचर्चा और महाराष्ट्र कांग्रेस की पत्रिका 'शिदोरी' में उनके लेख कार्यकर्ताओं कार्यकर्ताओं का मार्गदर्शन करते हैं।

दुर्भाग्य से, ऐसे प्रशिक्षण शिविर अब दुर्लभ हो गए हैं। (file photo)
मुंबईः कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री सुशील कुमार शिंदे का दर्द छलक गया। पार्टी अपनी विचारधारा की राजनीति खो रही है।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार शिंदे ने कहा कि संगठन की विचारधारा और कार्यक्रमों का प्रचार-प्रसार करने के वास्ते अपने कार्यकर्ताओं के लिए प्रशिक्षण शिविर आयोजित करने की उनकी पार्टी की लंबे समय से चली आ रही परंपरा खत्म हो गई है और यह जानना मुश्किल है कि ‘‘अभी हम कहां खड़े हैं।’’
पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि कांग्रेस की परंपरा पार्टी की विचारधारा, कार्यक्रमों और नीतियों का प्रचार-प्रसार करने के वास्ते अपने कार्यकर्ताओं के लिए प्रशिक्षण शिविर आयोजित करने की रही है। उन्होंने कहा, ''यह प्रक्रिया रुक गई है और मुझे इसके बारे में अच्छा नहीं लग रहा है। यह जानना मुश्किल है कि हम अभी कहां खड़े हैं।''
शिंदे 29 जून को पुणे जिले के इंदापुर में वरिष्ठ कांग्रेस पदाधिकारी रत्नाकर महाजन के 75वें जन्मदिन के अवसर पर आयोजित एक समारोह में बोल रहे थे। पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि पार्टी की विचारधारा को समझाने के लिए महाजन की बहस, परिचर्चा और महाराष्ट्र कांग्रेस की पत्रिका 'शिदोरी' में उनके लेख कार्यकर्ताओं कार्यकर्ताओं का मार्गदर्शन करते हैं।
शिंदे ने कहा, ''हमारी नीतियां गलत हो सकती हैं, लेकिन उन्हें ठीक करने के लिए प्रशिक्षण शिविरों की आवश्यकता है। मैं पार्टी द्वारा आयोजित प्रशिक्षण शिविरों के दौरान पैड और कलम लेकर बैठता था। दुर्भाग्य से, ऐसे प्रशिक्षण शिविर अब दुर्लभ हो गए हैं।''