राहुल गांधी का पीएम नरेंद्र मोदी पर हमला, कहा- 'प्रधानमंत्री सदन में नहीं आते हैं, ये कोई तरीका नहीं है लोकतंत्र को चलाने का'
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: December 14, 2021 15:37 IST2021-12-14T14:09:46+5:302021-12-14T15:37:21+5:30
इस दौरान कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला किया। राहुल गांधी ने कहा- 'प्रधानमंत्री सदन में नहीं आते हैं। ये कोई तरीका नहीं है लोकतंत्र को चलाने का'

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला किया। राहुल गांधी ने कहा- 'प्रधानमंत्री सदन में नहीं आते हैं। ये कोई तरीका नहीं है लोकतंत्र को चलाने का' (फाइल फोटो))
नई दिल्ली: कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा है। मंगलवार को संसद के शीतकालीन सत्र में कांग्रेस नेता राहुल गांधी सहित विपक्षी सांसदों ने संसद परिसर में गांधी प्रतिमा के पास 12 राज्यसभा सांसदों के निलंबन के विरोध में प्रदर्शन किया। इस दौरान कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला किया। राहुल गांधी ने कहा- 'प्रधानमंत्री सदन में नहीं आते हैं। ये कोई तरीका नहीं है लोकतंत्र को चलाने का'
विपक्षी सांसदों के निलंबन पर बोलते हुए कांग्रेस नेता ने कहा कि विपक्षी सांसदों के निलंबन के 14 दिन हो गए हैं। जिन मुद्दों पर सदन में विपक्ष बहस करना चाहती है, उनपर हमें बहस नहीं करने दी जाती। जहां विपक्ष आवाज़ उठाने की कोशिश की जाती है, उन्हें निलंबित कर दिया जाता है। ये लोकतंत्र की हत्या है।
वहीं लखीमपुर खीरी मामले पर राहुल ने कहा, 'हमने पहले ही कहा था कि एक मंत्री ने किसानों को मारने का काम किया था। पीएम जानते हैं, उनके मंत्रिमंडल में हैं। सबको सच्चाई पता है।' एक ट्वीट में राहुल गांधी ने कहा- मोदी जी, फिर से माफ़ी माँगने का टाइम आ गया…लेकिन पहले अभियुक्त के पिता को मंत्री पद से हटाओ।
सच सामने है!
मोदी जी, फिर से माफ़ी माँगने का टाइम आ गया…
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) December 14, 2021
लेकिन पहले अभियुक्त के पिता को मंत्री पद से हटाओ।
सच सामने है!#Lakhimpur#Murderpic.twitter.com/r5wfoOLHak
इससे पहले राहुल गांधी और विपक्षी नेताओं ने 12 राज्यसभा सांसदों के निलंबन को रद्द करने की मांग करते हुए संसद भवन से विजय चौक तक मार्च निकाला। इस मौके पर कांग्रेस के अधीर रंजन चौधरी ने मामले में बोलते हुए कहा, पिछले सत्र में जो हुआ उसे इस सत्र में उठाया गया, जबकि इस सत्र में इसका कोई ताल्लुक़ नहीं है। सदन के अंदर हम पिकनिक करने नहीं आते हैं,सदन में हम आम लोगों का मुद्दा उठाने के लिए आते हैं। अरूण जेटली ने भी कहा था कि सदन को भंग करना भी लोकतंत्र का एक औज़ार है।
बता दें कि बीते मॉनसून सत्र में ‘अशोभनीय आचरण’ के लिए पिछले 29 नवंबर को शुरू हुए संसद के शीतकालीन सत्र के पहले दिन राज्यसभा में कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस सहित अन्य विपक्षी दलों के 12 सदस्यों को इस सत्र की शेष अवधि के लिए निलंबित कर दिया गया था।