पटना: जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के अध्यक्ष नीतीश कुमार ने मंगलवार को प्रदेश के विपक्षी महागठबंधन का नेता चुने जाने के बाद भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) से नाता तोड़ लिया। इसके साथ ही उन्होंने राज्यपाल फागू चौहान से मुलाकात कर आठवीं बार राज्य में सरकार बनाने का दावा पेश किया। इस बीच कांग्रेस नेता पी चिदंबरम ने भाजपा पर कटाक्ष किया।
उन्होंने कहा कि जब भाजपा अन्य राजनीतिक दलों को विभाजित करने की कोशिश करती है, तो यह उन्हें 'शुद्ध' करने के लिए करती है। मंगलवार को चिदंबरम ने ट्वीट करते हुए कहा कि भाजपा कभी भी राज्य के लोगों के साथ विश्वासघात नहीं करती है। अन्य दलों से दलबदल को प्रोत्साहित करना दलबदलुओं के उत्थान के लिए एक कल्याणकारी उपाय है। अन्य राजनीतिक दलों को तोड़ना उन दलों को शुद्ध करना है। राज्य सरकारों को अस्थिर करना उन राज्यों में शासन में स्थिरता लाना है।
नीतीश कुमार ने पहले आरोप लगाया था कि भाजपा जदयू को विभाजित करने की कोशिश कर रही है, जिसके कारण उन्होंने महाराष्ट्र जैसी स्थिति को रोकने के लिए एनडीए से नाता तोड़ लिया। बता दें कि नीतीश कुमार और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) नेता तेजस्वी यादव क्रमशः मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री पद की शपथ बुधवार दोपहर दो बजे लेंगे। शपथ ग्रहण राजभवन के भीतर अपराह्न दो बजे एक सादे समारोह में होगा। बिहार विधानसभा में इस समय 242 सदस्य हैं और बहुमत हासिल करने का जादुई आंकड़ा 122 है। महागठबंधन ने राज्यपाल को 164 विधायकों की सूची सौंपी है।
243 सदस्यीय बिहार विधानसभा में कांग्रेस के 19 विधायक हैं, जबकि जदयू के पास 45, राजद के 79, भाकपा (माले) के 12 और भाकपा और माकपा के दो-दो विधायक हैं। बिहार में भाजपा के 77 विधायक हैं जबकि जीतन राम मांझी के नेतृत्व वाले हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (हम) के पास 4 विधायक हैं। सदन में एक निर्दलीय विधायक है जबकि एक सीट खाली है।