₹2000 के नोट को लेकर कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने की पीएम पर आपत्तिजनक टिप्पणी, जानें क्या कहा?
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: May 24, 2023 11:46 AM2023-05-24T11:46:32+5:302023-05-24T12:28:00+5:30
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने शुक्रवार को 2,000 रुपये के नोटों को चलन से वापस लेने की घोषणा की थी। इन नोटों को बैंक खातों में जमा करने या बदलने के लिए जनता को 30 सितंबर तक का समय दिया गया है।
नई दिल्लीः कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने 2000 रुपये का नोट वापस लेने के फैसले को लेकर पीएम मोदी की आलोचना की है। पीएम मोदी के लिए आपत्तिजनक शब्दों का इस्तेमाल करते हुए उन्होंने कहा कि लोग उनको पगला मोदी बुला रहे हैं।
दरअसल 2000 रुपए के नोट पर लिए गए फैसले पर मीडिया ने पश्चिम बंगाल कांग्रेस के अध्यक्ष और सांसद अधीर रंजन चौधरी से सवाल किया तो उन्होंने आपत्तिजनक शब्दों का इस्तेमाल करते हुए कहा कि ये मोदी नहीं 'पगला मोदी' हैं। लोगों उन्हें 'पगला मोदी' कह रहे हैं। गौरतलब है कि इससे पहले अधीर रंजन ने पीएम मोदी को घुसपैठिया भी कहा था।
आरबीआई ने हाल ही घोषणा की थी कि 2000 रुपए के नोट वापस लिए जाएंगे। बैंक ने 2000 रुपए के नोटों को बदलने के लिए 30 सितंबर तक का समय दिया है। हालांकि सरकार ने बाद में साफ किया कि 30 सितंबर के बाद भी ये नोट वैध मुद्रा बने रहेंगे। वहीं इसको बदलने के लिए कोई शुल्क नहीं लगेगा।
23 मई से 2000 रुपए के नोटों को बदलने, जमा करने की प्रक्रिया शुरू है। कांग्रेस इसे मुद्दा बनाते हुए केंद्र और भाजपा पर लगातार निशाने साध रही है। कई विपक्षी नेताओं ने भी केंद्र के 2000 रुपए के नोट को लाने और फिर वापस लाने के फैसले पर आलोचनात्मक टिप्पणी की है।
कांग्रेस ने केंद्र की आलोचना करते हुए मंगलवार को कहा कि सरकार को एक ‘श्वेत पत्र’ लाकर देश को यह बताना चाहिए कि 2000 रुपये का नोट क्यों लाया गया था और अब इसे वापस क्यों लिया जा रहा है। पार्टी प्रवक्ता गौरव वल्लभ ने यह आरोप भी लगाया है कि सरकार भारतीय मुद्रा की साख दाव पर लगा रही है और यह ‘नोट बदलने का कार्यक्रम’ नहीं, बल्कि ‘काला धन रखने वालों के भव्य स्वागत का कार्यक्रम है।’
वल्लभ के मुताबिक, देश में 3.62 लाख करोड़ रुपये मूल्य के दो हजार के नोट नकदी के रूप में मौजूद हैं तथा इन 2000 रुपये के कुल नोटों की संख्या 181 करोड़ है। वल्लभ ने नोटबंदी को ‘सबसे बड़ी संगठित लूट’ करार देते हुए कहा, ‘‘सरकार को एक समग्र श्वेत पत्र लाना चाहिए। यह बताना चाहिए कि 2000 रुपये का नोट क्यों लाया गया और अब इसे क्यों वापस लिया जा रहा है।’’