नई दिल्लीः कृषि बिल पर संसद में हंगामा जारी है। विपक्ष के आठ सांसद को राज्यसभा में एक सप्ताह के लिए निलंबित कर दिया गया है। इस बीच कांग्रेस ने कहा कि 2 अक्टूबर यानी महात्मा गांधी के जन्म दिवस पर धरना दिया जाएगा। 10 अक्टूबर को बड़ा आंदोलन किया जाएगा।
कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि 2 अक्टूबर को पूरे हिन्दुस्तान की हर विधानसभा में, हर जिले में, कांग्रेस पार्टी के जिला प्रधान, ब्लॉक प्रधान, मंत्रीगठ, सांसद, विधायक, हमारे उम्मीदवार और कांग्रेस कार्यकर्ता धरणा प्रदर्शन करेंगे और इन कृषि विरोधी काले कानूनों के खिलाफ ज्ञापन देंगे।
रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि 10 अक्टूबर को हर राज्य में बड़े किसान सम्मेलन बुलाए जाएंगे और 2 अक्टूबर से 31 अक्टूबर के बीच कांग्रेस के साथी हर गांव जाएंगे और इन काले कानूनों के खिलाफ 2 करोड़ हस्ताक्षर किसानों और गरीबों के लेकर आएंगे,जो 14 नवंबर को कांग्रेस अध्यक्ष और राष्ट्रपति जी को सौंपेंगे।
गांधी जी की मूर्ति से राजभवनों तक एक प्रोटेस्ट मार्च करेंगे
अगले 4 दिनों मे राज्यपाल महोदयों को हमारे प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष, विपक्ष के नेता, सभी मुख्यमंत्री, प्रमुख कांग्रेस नेताओं के साथ कांग्रेस कार्यालयों या गांधी जी की मूर्ति से राजभवनों तक एक प्रोटेस्ट मार्च करेंगे और मांग रखेंगे कि ये 3 काले कानून वापस लिए जाएं।
पार्टी महासचिवों और प्रभारियों की बैठक के बाद के सी वेणुगोपाल ने कहा कि कृषि विधेयकों के खिलाफ कांग्रेस राष्ट्रव्यापी प्रदर्शन करेगी। कृषि विधेयकों के खिलाफ कांग्रेस किसानों और गरीब लोगों के दो करोड़ हस्ताक्षर जुटाएगी और राष्ट्रपति को एक ज्ञापन सौंपेगी।
कृषि विधेयकों के खिलाफ राष्ट्रव्यापी विरोध-प्रदर्शन करेगी
कांग्रेस ने सोमवार को कहा कि वह संसद में पारित किए गए कृषि विधेयकों के खिलाफ राष्ट्रव्यापी विरोध-प्रदर्शन करेगी। कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं के साथ बैठक के बाद के सी वेणुगोपाल ने कहा कि इन विधेयकों के खिलाफ किसानों और गरीब लोगों के दो करोड़ हस्ताक्षर जुटाने के लिए पार्टी अभियान चलाएगी।
उन्होंने कहा कि इसके बाद राष्ट्रपति को एक ज्ञापन भी सौंपा जाएगा। कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि कृषि विधेयकों के खिलाफ देशभर में श्रृंखलाबद्ध तरीके से प्रेसवार्ता भी आयोजित की जाएगी। उन्होंने कहा कि पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष और अन्य वरिष्ठ नेता अपने-अपने राज्यों में रैली निकालेंगे और संबंधित राज्यपाल को ज्ञापन भी सौंपेंगे।
सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) से अलग क्यों नहीं हो रहे हैं?
इस दौरान, कांग्रेस ने कृषि विधेयकों के संबंध में शिरोमणि अकाली दल पर ''दोहरे नीति'' का आरोप लगाते हुए पूछा कि वे सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) से अलग क्यों नहीं हो रहे हैं? कांग्रेस समेत कई विपक्षी दल संसद में पारित किए गए कृषि विधेयकों को किसान विरोधी करार दे रहे हैं।
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि देशभर के किसान जहां विरोध कर रहे हैं, ऐसे विषय पर यदि लोकसभा और राज्यसभा में चर्चा न हो तो यह बेहद दुर्भाग्यजनक है। राज्यसभा में कल जो घटना घटी, उसमें मतदान होना ही चाहिए था, जिस प्रकार की प्रक्रिया को अपनाया गया, उसे काले दिन के रूप में याद किया जाएगा।
इस बीच एनडीए सहयोगी शिरोमणि अकाली दल के प्रमुख सुखबीर सिंह बादल ने कहा कि आज शिरोमणि अकाली दल के प्रतिनिधि-मंडल ने राष्ट्रपति जी से मुलाकात की, उन्हें प्रार्थना की है कि जो 3 बिल जबरदस्ती राज्यसभा में पास किए गए हैं, उनपर हस्ताक्षर न करें। ये बिल देश के किसानों के खिलाफ हैं।