कांग्रेस अब गोवा में खेलेगी "कर्नाटक कार्ड", बीजेपी के दाँव से उसी को चित्त करने की तैयारी
By कोमल बड़ोदेकर | Published: May 17, 2018 04:24 PM2018-05-17T16:24:34+5:302018-05-17T16:24:34+5:30
कर्नाटक में मचे राजनीतिक घमासान से इतर अब गोवा में राजनीतिक सरगर्मी बढ़ सकती है। दिग्गज नेता और गोवा कांग्रेस प्रभारी चेला कुमार अन्य पार्टी नेतओं के साथ दिल्ली से गोवा कूच करने की तैयारी में है।
नई दिल्ली, 17 मई। कर्नाटक में मचे राजनीतिक घमासान से इतर अब गोवा में राजनीतिक सरगर्मी बढ़ सकती है। दिग्गज नेता और गोवा कांग्रेस प्रभारी चेला कुमार अन्य पार्टी नेतओं के साथ दिल्ली से गोवा कूच करने की तैयारी में है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, चेला कुमार शुक्रवार को गोवा में कांग्रेस के विधायकों से मुलाकत कर गवर्नर हाऊस के बाहर धरना दे सकते हैं साथ ही गोवा में सबसे बड़ी पार्टी होने के नाते वे कर्नाटक फार्मुला की तर्ज पर गवर्नर मांग कर सकती है कि वे उन्हें गोवा में सरकार बनाने के लिए आमंत्रण दें।
इस मामले में चेला कुमार का कहना है कि, गोवा में कांग्रेस सबसे पार्टी है और उन्हें सरकार बनाने के लिए आमंत्रित किया जाना चाहिए। अगर ऐसा नहीं होता है और जरूरत पड़ती है तो कांग्रेस अपने विधायकों के साथ गवर्नर हाउस पर परेड कर सकती है।
Congress Goa in-charge Chella Kumar to leave for Goa today, he with other party leaders will meet the Guv tomorrow & say that being the single largest party Congress should be invited to form govt in Goa. If necessary Congress can parade its MLAs also at Governor house: Sources pic.twitter.com/yLoYAPO98t
— ANI (@ANI) May 17, 2018
बता दें कि बीते साल यानी साल 2017 में गोवा में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी। इस चुनाव में कांग्रेस को 17 सीटों पर जीत मिली थी जबकि बीजेपी के खाते में महज 13 सीटें ही आई थी लेकिन राज्यपाल ने उसे सरकार बनाने के लिए पहले निमंत्रण दिया था। इसके बाद कांग्रेस ने सुप्रीम कोर्ट दरवाजा भी खटखटाया था।
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बता दें कि 224 विधानसभा सीटों वाले कर्नाटक में बीजेपी 104 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी है लेकिन उसके पास पूर्ण बहुमत नहीं है बावजूद इसके राज्यपाल ने उसे सरकार बनाने का निमंत्रण दिया और कुछ देर पहले ही येदियुरप्पा ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली है।
वहीं कर्नाटक में सरकार बनाने के लिये भारतीय जनता पार्टी के नेता येदियुरप्पा को आमंत्रित करने के राज्यपाल के फैसले को अब पूर्व कानून मंत्री और वरिष्ठ अधिवक्ता राम जेठमलानी ने उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी है। जेठमलानी का कहना है कि यह सांविधानिक अधिकार का दुरूपयोग है।
प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा , न्यायमूर्ति ए एम खानविलकर और न्यायमूर्ति धनन्जय वाई चन्द्रचूड़ की तीन सदस्यीय खंडपीठ ने आज राम जेठमलानी की दलीलों पर विचार किया। पीठ ने कहा कि तीन सदस्यीय विशेष पीठ ने आज सवेरे तक इस मामले पर सुनवाई की है और अब यह पीठ कल फिर सुनवाई करेगी।