कांग्रेस ने स्पष्ट कहा , "समान नागरिक संहिता का यह सही समय नहीं"
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: July 2, 2023 08:51 AM2023-07-02T08:51:00+5:302023-07-02T08:53:52+5:30
कांग्रेस पार्टी ने समान नागरिक संहिता लाने पर अपनी राय स्पष्ट करते हुए कहा कि मौजूदा वक्त में इसकी कोई आवश्यकता नहीं है, अगर इस मुद्दे पर कोई मसौदा विधेयक या रिपोर्ट आती है तब वह उचित टिप्पणी करेगी।
दिल्ली:कांग्रेस ने शनिवार को समान नागरिक संहिता (यूसीसी) पर अपने घोषित रुख पर कायम रहते हुए कहा कि मौजूदा वक्त में इसकी कोई आवश्यकता नहीं है। कांग्रेस पार्टी ने स्पष्ट कहा कि अभी समान नागरिक संहिता लाने की कोई आवश्यकता नहीं है, अगर इस मुद्दे पर कोई मसौदा विधेयक या रिपोर्ट आती है तो वह उचित टिप्पणी करेगी।
पार्टी के शीर्ष नेतृत्व ने संसदीय रणनीति समूह की बैठक की, जहां उन्होंने 20 जुलाई से शुरू होने वाले संसद के मानसून सत्र के दौरान उठाए जाने वाले विभिन्न मुद्दों पर चर्चा हुई। कांग्रेस आगामी संसद सत्र में मणिपुर हिंसा, महंगाई, बढ़ती बेरोजगारी और विभिन्न राज्यपालों के आचरण के तरीको पर नरेंद्र मोदी सरकार को घेरने के लिए तैयारी कर रही है।
संसदीय दल की बैठक के बाद पत्रकारों से बात करते हुए कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि पार्टी 15 जून को ही यूसीसी पर अपना रुख स्पष्ट कर चुकी है। उन्होंने कहा कि चूंकि इस मामले पर पिछले 15 दिनों के दौरान कुछ भी अतिरिक्त नहीं हुआ है, इसलिए पार्टी के पास अभी इस पर कुछ नहीं कहेगी।
उन्होंने कहा, ''कांग्रेस पार्टी ने समान नागरिक संहिता को लेकर 15 जून को एक बयान जारी किया था, हम अब भी यूसीसी को लेकर अपने उसी रुख पर कायम हैं।''
जयराम रमेश ने कहा, "जब कोई मसौदा सामने आयेगा और चर्चा होगी तो हम उसमें भाग लेंगे और समान नागरिक संहिता से संबंध जो प्रस्तावित होगा। उसे देखेंगे और परखेंगे। फिलहाल हमारे पास प्रतिक्रिया के लिए केवल कानून आयोग का सार्वजनिक नोटिस है। कांग्रेस इस मुद्दे पर फिर से अपना बयान दोहराती है क्योंकि इस बाबत अभी कुछ नया नहीं हुआ है।"
वहीं केंद्र सरकार के दिल्ली अध्यादेश मुद्दे पर कांग्रेस पार्टी ने स्पष्ट किया कि वो इस संबंध में कानून आने पर ही उचित फैसला करेगी। मालूम हो कि दिल्ली की सत्ताधारी आम आदमी पार्टी इस मुद्दे पर कांग्रेस समेत सभी विपक्षी दलों से अपने पक्ष में समर्थन मांग रही है। कई विपक्षी दलों ने आप का समर्थन किया भी है लेकिन सबसे बड़ी विपक्षी दल कांग्रेस ने इस विषय पर अपना रूख स्पष्ट नहीं किया है। जिसके कारण आम आदमी पार्टी और उसके मुखिया अरविंद केजरीवाल की जान सांसत में है।