कांग्रेस ने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पद से तीरथ सिंह रावत के इस्तीफे के बाद भाजपा पर 'सत्ता की बंदरबांट' करने का आरोप लगाया है। साथ ही कहा कि 'खिलौनों की तरह मुख्यमंत्री बदलने' के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा जिम्मेदार हैं। पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि अब उत्तराखंड की जनता चुनाव का इंतजार कर रही है ताकि वह स्थिर और प्रगतिशील सरकार के लिए कांग्रेस को मौका दे सके।
उन्होंने संवाददाताओं से कहा, 'उत्तराखंड की देवभूमि, भाजपा की सत्ता की लालच, सत्ता की मलाई के लिए होड़ और भाजपा की विफलता का उदाहरण बनती जा रही है।' सुरजेवाला ने दावा किया, 'राज्य के लोगों ने पूर्ण बहुमत देकर भाजपा को सरकार बनाने का मौका दिया, लेकिन भाजपा ने सिर्फ सत्ता की मलाई बांटने और सत्ता की बंदरबाट करने का काम किया। भाजपा के लिए यह अवसर सत्ता की मलाई चखने का अवसर बन गया।'
सुरजेवाला ने पीएम मोदी और नड्डा को बताया जिम्मेदार
उन्होंने दिल्ली, कर्नाटक और मध्य प्रदेश में अतीत की भाजपा सरकारों में कई मुख्यमंत्रियों को बदलने जाने का उल्लेख करते हुए कहा, 'भाजपा का एक ही कार्यकाल में मुख्यमंत्री बदलने का इतिहास है। भाजपा खिलौनों की तरह मुख्यमंत्री बदलती है। यही उत्तराखंड में हो रहा है।' सुरजेवाला ने आरोप लगाया कि इस स्थिति के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और जेपी नड्डा जिम्मेदार हैं। उन्होंने भाजपा पर तंज कसते हुए कहा, 'भाजपा ने उत्तराखंड में पहले भी तीन-तीन मुख्यमंत्री बदले थे और इस बार भी तीसरा मुख्यमंत्री बनाने की तैयारी में हैं। हम तो कहेंगे कि अगले छह महीनों में दो-तीन और बदल दीजिए ताकि देश में सबसे ज्यादा मुख्यमंत्री बदलने का रिकॉर्ड बन जाए।'
भाजपा ने खुशहाल देवभूमि को किया बर्बाद-कांग्रेस
कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव ने आरोप लगाया, 'यह भाजपा नेतृत्व की लापरवाही और नासमझी है। एक ऐसे मुख्यमंत्री को उत्तराखंड पर थोपा गया कि जो विधानसभा का सदस्य नहीं है। भाजपा ने खुशहाल देवभूमि को बदहाल करने के लिए यह सब किया है।'
रावत ने दे दिया है इस्तीफा
गौरतलब है कि उत्तराखंड में पैदा हुए संवैधानिक संकट के बीच मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने चार माह से भी कम समय तक पद पर रहने के बाद शुक्रवार देर रात राज्यपाल बेबी रानी मौर्य को अपना इस्तीफा सौंप दिया । राजभवन पहुंचकर अपना इस्तीफा देने के बाद मुख्यमंत्री रावत ने संवाददाताओं को बताया कि उनका इस्तीफा देने की मुख्य वजह संवैधानिक संकट था जिसमें निर्वाचन आयोग के लिए उपचुनाव कराना मुश्किल था। उन्होंने कहा, 'संवैधानिक संकट की परिस्थितियों को देखते हुए मैंने अपना इस्तीफा देना उचित समझा।'