कांग्रेस ने चीन द्वारा अरुणाचल पर किये जा रहे दावे के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ठहराया जिम्मेदार, जयराम रमेश ने कहा, "प्रधानमंत्री की चुप्पी और क्लीन चिट की कीमत चुका रहा है देश"
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: April 4, 2023 02:24 PM2023-04-04T14:24:47+5:302023-04-04T14:28:44+5:30
कांग्रेस ने भारत-चीन विवाद के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि उनकी चुप्पी और चीन के अतिक्रमण को क्लीन चीट दिये जाने का नतीजा आज देश के सामने है।
दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भारत-चीन सीमा विवाद पर घेरते हुए देश की प्रमुख विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि चीन के आक्रामक रूख पर प्रधानमंत्री की चुप्पी और उनके द्वारा चीन के अतिक्रमण को क्लीन चीट दिये जाने का नतीजा आज देश के सामने है कि चीन भारत के अविभाज्य हिस्से अरुणाचल प्रदेश के 11 हिस्सों को तिब्बत के दक्षिणी भाग के तौर पर दर्ज करने की हिमाकत दिखा रहा है।
कांग्रेस की ओर से प्रधानमंत्री मोदी पर किये गये इस हमले के संबंध में पार्टी के जनसंचार महासचिव जयराम रमेश ने मंगलवार को ट्वीट करके भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार पर तीखा हमला किया और कहा, चीन द्वारा अरुणाचल प्रदेश में जगहों के नाम बदलने के संबंध में 2017 से अब तक यह मेरा तीसरा बयान है। अरुणाचल प्रदेश हमेशा से भारत का अभिन्न और अविभाज्य अंग रहा है और रहेगा। प्रधानमंत्री की चुप्पी से चीनियों की इस तरह की आपराधिक कार्रवाइयों करने के लिए निरंतर प्रोत्साहन मिलता है।"
चीन ने 2017 के बाद से तीसरी बार अरुणाचल प्रदेश में जगहों के नाम बदले हैं। इस मामले पर मेरा वक्तव्य।
— Jairam Ramesh (@Jairam_Ramesh) April 4, 2023
अरुणाचल प्रदेश हमेशा से भारत का अभिन्न और अटूट अंग रहा है और रहेगा।
चीनी अतिक्रमण पर प्रधानमंत्री की चुप्पी उसे ऐसी हरकतों के लिए प्रोत्साहित करती हैं। pic.twitter.com/l1RwBpNLpt
जयराम रमेश ने कांग्रेस पार्टी की ओर से आधिकारिक बयान जारी किया है, जिसमें स्पष्ट कहा गया है एक शीर्ष चीनी राजनयिक द्वारा हाल में दावा किया गया है कि भारत-चीन सीमा की स्थिति अब स्थिर है, लेकिन चीन की ओर से अब भी उकसावे और अतिक्रमण की कार्रवाई जारी है। साल 2017 और 2021 के बाद चीन ने अरुणाचल प्रदेश के 11 जगहों के लिए चीनी नामों का तीसरा सेट जारी किया है।
जयराम रमेश ने कहा, "देश आज वह कीमत चुका रहा है, जिसे जून 2020 में चीन हमले के समय पीएम मोदी की चुप्पी और क्लीन चिट से बल मिला है। चीनी कार्रवाइयों पर उनकी खामोशी ऐसी ही बनी रही तो देश को आगे भी उसकी कीमत चुकानी होगी। लगभग तीन साल बाद, चीनी सेना ने हमारे गश्ती दल को डेपसांग मैदानों में गश्त करने से रोक दिया है, जहां पहले हमारी सेनाएं स्वतंत्रता से गश्त किया करती थीं। इस बदलाव के साथ अब चीनी अरुणाचल प्रदेश में यथास्थिति को लगातार कम करने का प्रयास कर रहा है।"
उन्होंने कहा, "अरुणाचल प्रदेश हमेशा भारत का अभिन्न है और रहेगा। अरुणाचल प्रदेश के लोग भारत के देशभक्त नागरिक हैं।"
रमेश का बयान विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची के दिये उस बयान के बाद आया है, जिसमें विदेश मंत्रालय की ओर से अरुणाचल प्रदेश में किसी भी तरह की चीन की कार्रवाई को सिरे से खारिज किया गया है और कहा गया है कि अरुणाचल प्रदेश भारत का अभिन्न और अविभाज्य हिस्सा है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा, "हमने ऐसी खबरें देखी हैं। ऐसा पहली बार नहीं है जब चीन ने इस तरह का प्रयास किया है। हम इसे सिरे से खारिज करते हैं। चीन के द्वारा अरुणाचल के 11 स्थानों का नाम बदले जाने से भौगोलिक वास्तविकता को नहीं बदला जा सकता है।"
मालूम हो कि बीते रविवार को चीन के नागरिक मामलों के मंत्रालय ने अरुणाचल प्रदेश के लिए 11 स्थानों के चीन मानकीकृत नाम जारी किए, जिसे वह "तिब्बत का दक्षिणी भाग" का हिस्सा कहता है।