राजस्थान पंचायत चुनावः इस बार गांवों में कांग्रेस और बीजेपी की सियासी ताकत का चलेगा पता!
By प्रदीप द्विवेदी | Updated: January 14, 2020 18:55 IST2020-01-14T18:55:12+5:302020-01-14T18:55:12+5:30
राजस्थान पंचायत चुनावः चुनाव आयोग के सचिव श्यामसिंह राजपुरोहित का कहना है कि पहले चरण में 2726 ग्राम पंचायतों में सरपंच पदों के लिए 28 हजार 797 उम्मीदवारों ने 28 हजार 865 नामांकन पत्र दाखिल किए थे, नामांकन पत्रों की संवीक्षा के बाद इनमें से 28 हजार 192 नामांकन वैद्य पाए गए.

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राजस्थान में 17 जनवरी 2020 को होने वाले पहले चरण के पंचायत आम चुनाव में सरपंच के पद के लिए 17 हजार 242, तो पंच के पद के लिए 42 हजार 704 उम्मीदवार चुनावी मैदान में हैं. इससे पहले प्रदेश में 36 सरपंच और 11035 पंच निर्विरोध चुन लिए गए थे. नगर निकाय चुनाव में तो कांग्रेस ने शहरी क्षेत्र में जीत का परचम लहरा दिया था, इन चुनावों से यह साफ होगा कि गांवों में कांग्रेस और बीजेपी में से किसकी सियासी ताकत ज्यादा है.
चुनाव आयोग के सचिव श्यामसिंह राजपुरोहित का कहना है कि पहले चरण में 2726 ग्राम पंचायतों में सरपंच पदों के लिए 28 हजार 797 उम्मीदवारों ने 28 हजार 865 नामांकन पत्र दाखिल किए थे, नामांकन पत्रों की संवीक्षा के बाद इनमें से 28 हजार 192 नामांकन वैद्य पाए गए. नाम वापसी की तिथि तक इनमें से 10 हजार 914 उम्मीदवारों ने अपने नाम वापस ले लिए, जबकि 31 जिलों में 36 सरपंच निर्विरोध चुन लिए गए. इस तरह पहले चरण में सरपंच पद के लिए कुल 17 हजार 242 उम्मीदवार चुनावी मैदान में होंगे.
उधर, पंच पद के लिए 31 जिलों की 2726 ग्राम पंचायतों के 26 हजार 800 वार्डों में 70 हजार 732 उम्मीदवारों ने 70 हजार 936 नामांकन पत्र दाखिल किए. नामांकन पत्रों की संवीक्षा के बाद 68 हजार 808 उम्मीदवारों के नामांकन वैद्य पाए गए, जबकि इन उम्मीदवारों में से 15 हजार 70 उम्मीदवारों ने नाम वापसी के दिन अपने नाम वापस ले लिए. इस दौरान प्रदेश भर में 11 हजार 35 पंच निर्विरोध चुन लिए गए. इस वक्तं 42 हजार 704 उम्मीदवार पंच पद के लिए चुनावी मैदान में हैं. उन्होंने यह भी बताया कि पंच के 131 वार्डों के लिए या तो आवेदन नहीं मिले या मिले तो वे वैद्य नहीं पाए गए.
प्रदेश में झुंझूनूं और जैसलमेर को छोड़कर सभी जिलों में पहले चरण के लिए मतदान होगा, जिसमें सभी ग्राम पंचायतों पर 17 जनवरी 2020 को सवेरे 8 बजे से शाम 5 बजे तक मतदान होगा. इस चुनाव में जहां बीजेपी अपनी सियासी जमीन मजबूत करने में लगी है, वहीं कांग्रेस अपनी कमजोर पड़ी राजनीतिक ताकत फिर से हांसिल करना चाहती है.