समय से पहले शीतकालीन सत्र की समाप्ति को लेकर कांग्रेस और भाजपा आमने सामने
By भाषा | Updated: December 16, 2021 00:29 IST2021-12-16T00:29:51+5:302021-12-16T00:29:51+5:30

समय से पहले शीतकालीन सत्र की समाप्ति को लेकर कांग्रेस और भाजपा आमने सामने
रायपुर, 15 दिसंबर छत्तीसगढ़ विधानसभा के शीतकालीन सत्र की समय से पहले समाप्ति के लिए सत्ताधारी दल कांग्रेस और विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी ने एक-दूसरे को दोषी ठहराया है। भाजपा ने समय से पहले विधानसभा सत्र की समाप्ति को अलोकतांत्रिक, अव्यवहारिक और निंदनीय कहा है, वहीं कांग्रेस ने भाजपा पर सार्थक चर्चा से भागने का आरोप लगाया है। भाजपा के मीडिया विभाग के प्रभारी नलिनेश ठोंकने ने कहा कि पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने बुधवार को विधायक ननकीराम कंवर, शिवरतन शर्मा, नारायण चंदेल और सौरभ सिंह के साथ विधानसभा अध्यक्ष से मिलकर समय पूर्व सत्रावसान को लेकर नाराजगी व्यक्त की और कहा कि विपक्ष सहमति लिए बिना इस प्रकार से फैसला किया जाना कहीं से भी उचित नहीं है।
उन्होंने कहा, “राज्य सरकार का यह कृत निंदनीय ही नही बल्कि राज्य के ढाई करोड़ जनता के आवाज दबाने वाला और लोकतंत्र का गला घोंटने वाला कृत्य है।”
अग्रवाल ने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार का हमेशा प्रयास सदन में चर्चा से भागने का ही रहा है। सरकार चर्चा से घबराती है, किसी भी मामले में सौहार्दपूर्ण चर्चा करना ही नहीं चाहती है। सत्ताधारी दल कांग्रेस ने समय पूर्व विधानसभा सत्र की समाप्ति के लिए भाजपा को दोषी ठहराया है।
प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने बयान जारी कर कहा कि पांच दिन का शीतकालीन सत्र था। इस सत्र के एक-एक मिनट के समय में प्रदेश की ढ़ाई करोड़ जनता के हित में चर्चा करनी थी।
उन्होंने कहा, “दुर्भाग्य से विपक्षी दल भाजपा ने सदन के समय को बर्बाद करना, हो हल्ला मचाना, बाधित करना ही विपक्ष का दायित्व समझ लिया है। किसी भी विषय पर सार्थक चर्चा करना विपक्ष चाहता ही नहीं था। पांच दिन के सत्र के तीन दिन भी विपक्ष के हंगामे के कारण ठीक से नहीं हो पाए।”
शुक्ला ने कहा कि भाजपा का इतिहास प्रजातांत्रिक मूल्यों के हनन का रहा है। छत्तीसगढ़ में भाजपा जब से विपक्ष में आई है और उसका संख्याबल मात्र 14 ही बचा है तब से वह सिर्फ हल्ला मचा कर सदन के समय को खराब करने को प्रभावी विपक्ष की भूमिका समझती है।
छत्तीसगढ़ विधानसभा का शीतकालीन सत्र इस महीने की 13 तारीख से 17 तारीख के मध्य तय किया गया था, लेकिन आज तीसरे दिन ही सत्र को अनिश्चित काल के लिए समाप्त कर दिया गया।
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