कांग्रेस अशोक गहलोत-सचिन पायलट की जंग रोकने के लिए हुई सक्रिय, राहुल और खड़गे करेंगे बैठक
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: July 6, 2023 02:02 PM2023-07-06T14:02:24+5:302023-07-06T14:08:53+5:30
राजस्थान चुनाव के मद्देनजर कांग्रेस आलाकमान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच चल रहे तकरार को खत्म करने के लिए सक्रिय हुआ।
जयपुर/दिल्ली: कांग्रेस पार्टी में राजस्थान विधानसभा चुनाव की तैयारियों को लेकर खासी गहमागहमी मची हुई है। खबरों के मुताबिक पार्टी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच चल रही सियासी रार को लेकर बेहद चिंतित है और दोनों की तनातनी से पार्टी को होने वाले चुनावी नुकसान को लेकर आशंकित है।
यही कारण है कि कांग्रेस आलाकमान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच चल रहे तकरार को खत्म करने के लिए सक्रिय हो गया है। जानकारी के अनुसार कांग्रेस प्रमुख मल्लिकार्जुन खड़गे और कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने आगामी विधानसभा चुनाव की तैयारियों के मद्देनजर गुरुवार को राजस्थान कांग्रेस के नेताओं से मुलाकात की।
इसके साथ यह जानकारी भी सामने आ रही है कि राजस्थान की समीक्षा बैठक करने के बाद दोपहर 3.30 बजे पार्टी मुख्यालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस भी करेंगे। इस बैठक के संबंध में मिली जानकारी के अनुसार सचिन पायलट समेत राजस्थान कांग्रेस के कई दिग्गज इस बैठक में हिस्सा लेंगे, वहीं मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये इस में शामिल होंगे।
कांग्रेस ने बीते दिनों राजस्थान की तरह छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और टीएस सिंह देव के बीच चल रहे आंतरिक संघर्ष को ठँडा करने का प्रयास किया और सिंह देव को छत्तीसगढ़ का डिप्टी सीएम बनाकर विवाद को संभालने का प्रयास किया। ठीक उसी तरह से अब कांग्रेस राजस्थान में भी वैसा ही प्रयास करती हुई दिखाई दे रही है ताकि आगामी विधानसबा चुनाव में गहलोत और पायलट के बीच चल रही सियासी जंग में सूब की सत्ता न हाथ से छिटक जाए।
राजस्थान में कांग्रेस पिछले साढ़े चार साल से सत्ता में है लेकिन गहलोत-पायलट के बीच मतभेदों के कारण यह राज्य कांग्रेस के लिए भारी सिरदर्द का विषय बना हुआ है। सचिन पायलट साल 2020 में सीएम गहलोत के खिलाफ विद्रोह कर चुके हैं और उप मुख्यमंत्री और राजस्थान कांग्रेस के प्रमुख का पद खो चुके हैं। अब देखना है कि निकट भविष्य में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस गहलोत-पायलट के बीच के युद्ध को रोक पाती है या फिर विपक्षी नेता और पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे दोनों की जंग का फायदा उठाते हुए एक बार फिर से राजस्थान में भगवा पताका फहराती हैं।