कांग्रेस ने सरकार पर रेलवे को निजीकरण के रास्ते पर ले जाने का आरोप लगाया

By भाषा | Published: July 11, 2019 02:12 PM2019-07-11T14:12:30+5:302019-07-11T14:12:30+5:30

लोकसभा में वर्ष 2019..20 के लिये रेल मंत्रालय के नियंत्रणाधीन अनुदानों की मांगों पर चर्चा में हिस्सा लेते कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि मोदी सरकार के दौरान पिछले वर्षो में ट्रेनों की समय की पाबंदी की स्थिति खराब हुई है

Congress accused the government of taking the railway on the path of privatization | कांग्रेस ने सरकार पर रेलवे को निजीकरण के रास्ते पर ले जाने का आरोप लगाया

कांग्रेस ने सरकार पर रेलवे को निजीकरण के रास्ते पर ले जाने का आरोप लगाया

Highlights2017 के आंकड़ों पर ध्यान दें तब प्रत्येक 100 रूपये कमाने के लिये रेलवे को 96.20 रूपये खर्च करने पड़ रहे हैंउन्होंने कहा कि सरकार रेलवे में 50 लाख करोड़ रूपये के निवेश की बात कह रही है लेकिन यह पैसा कहां से आयेगा

कांग्रेस ने बृहस्पतिवार को आरोप लगाया कि आम बजट में रेलवे में सार्वजनिक निजी साझेदारी, निगमीकरण और विनिवेश पर जोर दिया गया है जो भारतीय रेल का निजीकरण नहीं करने के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के वाराणसी में किये वादे के खिलाफ है ।

लोकसभा में वर्ष 2019..20 के लिये रेल मंत्रालय के नियंत्रणाधीन अनुदानों की मांगों पर चर्चा में हिस्सा लेते कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि मोदी सरकार के दौरान पिछले वर्षो में ट्रेनों की समय की पाबंदी की स्थिति खराब हुई है, काफी संख्या में ट्रेनें रद्द करने की घटनाएं सामने आई है, ट्रेनों की रफ्तार घटी है और सरकार कह रही है कि ‘‘ये बेच दो, वो बेच दो ।’’

उन्होंने कहा, ‘‘ यह सरकार बुलेट ट्रेन की बात करती है लेकिन मालगाड़ियों पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। ट्रेनों से माल ढुलाई की मात्रा में लगातार गिरावट दर्ज की गई है ।’’ चौधरी ने आरोप लगाया कि भाजपा नीत सरकार के लोग यह आरोप लगाते हैं कि 50 वर्षो में कुछ नहीं हुआ । अगर 50 वर्षो में कुछ नहीं हुआ तब ट्रेनों में सवारी कैसे कर रहे हैं।

उन्होंने कहा कि रेलवे जब तक अपनी कमाई नहीं बढ़ायेगी तब तक रेलवे को चुस्त दुरूस्त नहीं किया जा सकेगा । लेकिन यह खेदजनक है कि सुरक्षा से संबंधित महत्वपूर्ण कोष डीआरएफ फंड के मद में इस बजट में कटौती की गई है। लोकसभा में कांग्रेस के नेता ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की पिछले वर्षो में फ्रांस, चीन और रूस की यात्रा के दौरान सहमति पत्रों (एमओयू) पर हस्ताक्षर किये गए थे लेकिन इस दिशा में प्रगति की कोई सूचना नहीं है ।

अधीर रंजन चौधरी ने आरोप लगाया कि रायबरेली कोच फैक्टरी सहित सात रेल उत्पादन इकाइयों का निगमीकरण करने की पहल की जा रही है। यह निजीकरण की ओर बढ़ने का रास्ता है । उन्होंने कहा कि सरकार की इस पहल के कारण आम लोगों और श्रमिकों में खलबली मच गई है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वाराणसी में कहा था कि रेलवे का निजीकरण नहीं किया जायेगा, लेकिन आम बजट में रेलवे में सार्वजनिक निजी साझेदारी (पीपीपी), निगमीकरण और विनिवेश पर जोर दिया गया है।

कांग्रेस नेता ने कहा कि पूर्ववर्ती कांग्रेस नीत संप्रग सरकार का रेलवे के संदर्भ में रणनीतिक दृष्टिकोण था लेकिन वर्तमान सरकार निगमीकरण और बेचने के दृष्टिकोण को आगे बढ़ाने में लगी हुई है । उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘ आप सिर्फ सपने दिखाते हैं । आप कहते कुछ हैं और करते कुछ हैं... ऐसे में कौन भरोसा करेगा।’’

चौधरी ने पूर्ववर्ती संप्रग सरकार के दौरान ट्रैक दोहरीकरण, विद्युतीकरण सहित रेलवे के क्षेत्र में कार्यों को आगे बढ़ाने से जुड़े आंकड़ों का उल्लेख किया और आरोप लगाया कि इसकी तुलना में वर्तमान सरकार ने कोई उल्लेखनीय कार्य नहीं किया है । कांग्रेस नेता ने कहा कि रेलवे का परिचालानात्मक अनुपात बेहद चिंताजनक है।

2017 के आंकड़ों पर ध्यान दें तब प्रत्येक 100 रूपये कमाने के लिये रेलवे को 96.20 रूपये खर्च करने पड़ रहे हैं, यह स्थिति ठीक नहीं है । आप कोई भी लक्ष्य पूरा नहीं कर पा रहे हैं । उन्होंने कहा कि सरकार रेलवे में 50 लाख करोड़ रूपये के निवेश की बात कह रही है लेकिन यह पैसा कहां से आयेगा, इसका कोई जिक्र नहीं है । ‘‘ यह तो वही बात हो गई कि सोने को चटाई नहीं और तम्बू की फरमाइश हो रही है । ’’

चौधरी ने कहा कि रेलवे की वित्तीय स्थिति खस्ता है । इसे ठीक करना जरूरी है। इसके साथ ही रेलवे की सामाजिक जिम्मेदारी भी है जिसे पूरा किया जाना चाहिए ।

Web Title: Congress accused the government of taking the railway on the path of privatization

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