जम्मू-कश्मीर: शिक्षा की हालत इतनी खराब की बच्चों को बनाना पड़ रहा वीडियो, स्कूल की दशा सुधारने के लिए पहले भी बनाए गए है क्लिप

By सुरेश एस डुग्गर | Published: April 19, 2023 05:06 PM2023-04-19T17:06:49+5:302023-04-19T17:25:05+5:30

इससे पहले साल 2000 में भी घाटी की एक बच्ची ने पीएम मोदी से शिकायत की थी। बच्ची ने पीएम से कहा था कि मैडम बहुत काम देती है।

condition of education is so bad that children have to make videos clips in Jammu and Kashmir | जम्मू-कश्मीर: शिक्षा की हालत इतनी खराब की बच्चों को बनाना पड़ रहा वीडियो, स्कूल की दशा सुधारने के लिए पहले भी बनाए गए है क्लिप

फोटो सोर्स: ANI (प्रतिकात्मक फोटो)

Highlightsकुछ दिन पहले सोशल मीडिया पर एक कश्मीरी बच्ची का वीडियो खूब वायरल हुआ था।वीडियो में बच्ची स्कूल की दशा सुधारने के बारे में बोलती हुई नजर आ रही है।यह पहली बार नहीं है कि स्कूल के सुधार के लिए घाटी के बच्चों ने कोई वीडियो बनाया हो, इससे पहले भी किल्प्स बनाए गए है।

जम्मू:  प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था और उससे जुड़ी व्यवस्थाओं का हाल क्या है, दो सालों में दो बच्चों द्वारा वीडियो बना सोशल मीडिया पर डाल कर प्रधानमंत्री से अपील करने की घटनाओं से साबित होता है। ताजा मामले में स्कूल की दशा सुधारने का आदेश तो मिल गया पर अभी भी प्रदेश में ऐसे कई स्कूल हैं जो अपनी दुर्दशा पर रो रहे हैं। ऐसे स्कूलों की दशा को सुधारने के लिए शायद सरकार को किसी अलख की जरूरत है।

वायरल वीडियो वाले स्कूल के लिए 1 करोड़ रुपए किए गए थे प्रस्तावित

इतना जरूर था कि कठुआ के लोहाई मल्हार के बरसों पुराने स्कूल की दशा सुधारने की मांग को लेकर वहां की नन्हीं छात्रा सीरत की सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो ने कमाल जरूर दिखाया है। चौबीस घंटे के भीतर ही डेढ़ लाख टाइलें इमारत का काम पूरा करवाने के लिए लोहाई मल्हार पहुंचाई जा चुकी हैं।

अगर सरकारी दावों पर विश्वास करें तो इस स्कूल के लिए एक करोड़ रुपये के और काम समग्र शिक्षा के तहत प्रस्तावित किए गए हैं जिसमें अब कंप्यूटर लैब से लेकर तीन अतिरिक्त क्लास रूम और आर्ट्स एंड क्राफ्ट रूम, तीन अतिरिक्त कमरे भी तैयार किए जा रहे हैं। जिस स्कूल का वीडियो वायरल हुआ था वहां एक करोड़ रुपये के काम बीते और इस वित्तीय वर्ष में मंजूर हुए हैं। जिनपर काम अब इस नन्हीं पुकार के बाद शुरू होने जा रहे हैं।

यह पहली बार नहीं हुआ है

यह कोई पहला मौका नहीं है कि प्रदेश में शिक्षा व्यवस्था और व्यवस्थाओं को लेकर नन्हें बच्चों को सोशल मीडिया का सहारा लेना पड़ा हो। वर्ष 2020 के जून महीने में भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से एक छोटी बच्ची की स्कूली बस्ते के बोझ और होमवर्क की शिकायत के बाद उप राज्यपाल मनोज सिन्हा ने 48 घंटों के भीतर समीक्षा करने के निर्देश जारी किए थे। 

तब दरअसल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम पर कश्मीर की एक बच्ची का शिकायती वीडियो इंटरनेट मीडिया में सुर्खियों में आया था जिसमें बच्ची प्रधानमंत्री से बड़े ही मासूम अंदाज में अपनी टीचर की शिकायत करती नजर आती थी। इसमें वह कहती थी कि मैडम बहुत काम देती है।

बच्ची की शिकायत को उपराज्यपाल ने लिया था गंभीरता से

अपने अंदाज में बच्ची ने कहा था कि मैं छह साल की हूं और इन दिनों स्कूल की आनलाइन क्लास का बच्चों पर बहुत बोझ है। बच्ची ने कहा था कि जो छोटे बच्चे होते हैं उनको स्कूल वाले ज्यादा काम देते हैं, ऐसा क्यों। बच्ची ने बताया कि वह सुबह उठने के साथ ही स्कूल के कामकाज में लग जाती है। इस मासूम शिकायती वीडियो को उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने गंभीरता से लिया था।
 

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