कम्प्यूटर बाबा गिरफ्तार, दिग्विजय ने कार्रवाई को "राजनीतिक प्रतिशोध की चरम सीमा" बताया

By भाषा | Updated: November 8, 2020 14:33 IST2020-11-08T14:33:59+5:302020-11-08T14:33:59+5:30

Computer Baba arrested, Digvijay termed the action as "the climax of political vendetta" | कम्प्यूटर बाबा गिरफ्तार, दिग्विजय ने कार्रवाई को "राजनीतिक प्रतिशोध की चरम सीमा" बताया

कम्प्यूटर बाबा गिरफ्तार, दिग्विजय ने कार्रवाई को "राजनीतिक प्रतिशोध की चरम सीमा" बताया

इंदौर (मध्यप्रदेश), आठ नवंबर मध्यप्रदेश की 28 विधानसभा सीटों के हालिया उपचुनावों के नतीजों की घोषणा से महज दो दिन पहले जिला प्रशासन ने कम्प्यूटर बाबा पर रविवार को शिकंजा कस दिया।

अधिकारियों ने बताया कि कम्प्यूटर बाबा के आश्रम परिसर के कथित अवैध निर्माणों को जमींदोज किए जाने के साथ ही बाबा समेत सात लोगों को एहतियातन गिरफ्तार किया गया और जेल भेज दिया गया। इस दौरान आश्रम से राइफल और पिस्तौल भी मिली है।

गौरतलब है कि कम्प्यूटर बाबा कांग्रेस के उन 22 बागी विधायकों को "गद्दार" बताते हुए उनके खिलाफ चुनाव प्रचार करते नजर आए थे जिनके विधानसभा से त्यागपत्र देकर भाजपा में शामिल होने के कारण तत्कालीन कमलनाथ सरकार का मार्च में पतन हो गया था। दल बदल के बाद भाजपा ने इन सभी नेताओं को उनकी पुरानी सीटों से उपचुनावों के रण में उतारा जिनका परिणाम मंगलवार को आना है।

पुलिस अधीक्षक (पश्चिमी क्षेत्र) महेशचंद्र जैन ने बताया कि इंदौर शहर से सटे जम्बूर्डी हप्सी गांव में प्रशासन ने कम्प्यूटर बाबा के आश्रम परिसर में बने अवैध निर्माण ढहा दिए हैं।

उन्होंने बताया, "प्रशासन की मुहिम के दौरान दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 151 (संज्ञेय अपराध घटित होने से रोकने के लिये की जाने वाली एहतियातन गिरफ्तारी) के तहत कम्प्यूटर बाबा और उनसे जुड़े छह लोगों को एहतियातन गिरफ्तार कर एक स्थानीय जेल भेज दिया गया।"

इस बीच, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (एएसपी) प्रशांत चौबे ने बताया कि अवैध निर्माण ढहाए जाने से पहले कम्प्यूटर बाबा के आश्रम से जो सामान बाहर निकाला गया, उनमें राइफल और पिस्तौल भी मिली है। उन्होंने बताया कि राइफल के लायसेंस के बारे में पड़ताल की जा रही है।

प्रशासन के अधिकारियों ने बताया कि जांच के दौरान कंप्यूटर बाबा के आश्रम परिसर में दो एकड़ शासकीय भूमि पर अवैध कब्जा और निर्माण प्रमाणित पाया गया था। यह आश्रम 40 एकड़ से ज्यादा जमीन पर फैला है और इसका मौजूदा बाजार मूल्य लगभग 80 करोड़ रुपये आंका जा रहा है।

उन्होंने बताया कि राजस्व विभाग ने इस मामले में आश्रम के कर्ता-धर्ताओं पर कुछ दिन पहले 2,000 रुपये का अर्थदंड लगाया था और उन्हें शासकीय भूमि से अवैध निर्माण हटाने को कहा गया था।

अधिकारियों ने बताया कि अतिक्रमण नहीं हटाए जाने पर प्रशासन ने आश्रम का सामान बाहर निकालकर अवैध निर्माण ढहा दिये जिनमें शेड, इमारत और कमरे शामिल हैं। इस दौरान वहां भारी पुलिस बल तैनात किया गया था।

उधर, कांग्रेस के राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने कम्प्यूटर बाबा के खिलाफ प्रशासन की कार्रवाई के दौरान सवाल उठाए। उन्होंने एक ट्वीट में कहा, "इंदौर में बदले की भावना से कम्प्यूटर बाबा का आश्रम व मंदिर बिना कोई नोटिस दिए तोड़ा जा रहा है। यह राजनीतिक प्रतिशोध की चरम सीमा है। मैं इसकी निंदा करता हूं।"

वैष्णव संप्रदाय (अपने इष्ट देव के रूप में भगवान विष्णु को पूजने वाले हिंदू मतावलम्बी) से ताल्लुक रखने वाले कम्प्यूटर बाबा का असली नाम नामदेव दास त्यागी है। केवल 15 महीने चल सकी पूर्ववर्ती कमलनाथ सरकार ने कम्प्यूटर बाबा को नर्मदा, क्षिप्रा और मन्दाकिनी नदियों के संरक्षण के लिये गठित न्यास का अध्यक्ष बनाया था।

इससे पहले, सूबे की तत्कालीन भाजपा सरकार ने भी कम्प्यूटर बाबा समेत पांच धार्मिक नेताओं को अप्रैल 2018 में राज्य मंत्री का दर्जा दिया था, लेकिन कम्प्यूटर बाबा ने इसके कुछ ही समय बाद यह आरोप लगाते हुए इस्तीफा दे दिया था कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने नर्मदा को स्वच्छ रखने और इस नदी से अवैध रेत खनन पर रोक लगाने के मामले में संत समुदाय से "वादाखिलाफी" की है।

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Web Title: Computer Baba arrested, Digvijay termed the action as "the climax of political vendetta"

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