मुंबई: महाराष्ट्र के नासिक में 6.8 करोड़ की धोखाधड़ी मामले में 33 वर्षीय शिकायतकर्ता कारोबारी सुशील पाटिल ने स्थानीय पुलिस से कहा है कि वह 14 में से एक आरोपी वैभव गहलोत (राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बेटे) का नाम शिकायत में निकालना चाहता है।
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, वरिष्ठ अधिकारियों ने बताया कि शिकायतकर्ता ने गंगापुर पुलिस स्टेशन में अपनी पूरक गवाही दर्ज कराई।
वहां शिकायतकर्ता ने कहा कि सचिन वलेरा के बार-बार नाम लेने की गलतफहमी के कारण शिकायत में वैभव गहलोत का नाम शामिल हो गया था। वलेरा की गुजरात स्थित कांग्रेस कार्यकर्ता और मामले में कथित मुख्य साजिशकर्ता के रूप में पहचान की गई है।
इससे पहले मंगलवार को नासिक पुलिस कमिश्नर दीपक पांडे ने मामले को आर्थिक अपराध शाखा के पास भेज दिया था। इसके बाद राजस्थान की भाजपा ईकाई ने सत्ताधारी कांग्रेस और अशोक गहलोत को निशाना बनाया था। कांग्रेस महाराष्ट्र में भी सत्ताधारी गठबंधन का हिस्सा है।
बता दें कि, महाराष्ट्र के नासिक के गंगापुर थाने में वलेरा और राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन (आरसीए) के अध्यक्ष गहलोत समेत 14 लोगों के खिलाफ 17 मार्च को प्राथमिकी दर्ज की गई है।
शिकायतकर्ता सुशील भालचंद्र पाटिल ने अदालत के माध्यम से प्राथमिकी दर्ज करायी है जिसमें आरोप लगाया गया है कि वलेरा ने खुद को गहलोत का करीबी बताते हुए राजस्थान में काम दिलवाकर मुनाफा करवाने के नाम पर उससे 6.80 करोड़ रुपये लिए और उसके साथ धोखाधड़ी की।
वैभव गहलोत ने आरोपों का खंडन करते हुए कहा था कि चुनाव नजदीक आने पर इस तरह की और बातें उठेंगी।