नयी दिल्ली, 16 दिसंबर भारत ने बृहस्पतिवार को कहा कि उसने ईरान के परमाणु स्थल के निकट संयुक्त राष्ट्र की परमाणु निगरानी संस्था ‘आईएईए’ को फिर से कैमरे लगाने की कथित अनुमति देने के तेहरान के ‘फैसले’ का संज्ञान लिया है। भारत ने यह भी कहा कि उसने ईरान से हमेशा अपने दायित्वों को पूरा करने का आह्वान किया है, जिस पर उसने सहमति भी जताई है।
ईरान की अर्द्ध-सरकारी समाचार एजेंसियों की ओर से प्रकाशित मीडिया रिपोर्टों का हवाला देते हुए कहा कि वियना स्थित अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (आईएईए) को कारज में क्षतिग्रस्त कैमरों को फिर से स्थापित करने की ईरान अनुमति देगा।
इस मुद्दे के संबंध में और इसके खिलाफ अमेरिकी प्रतिबंधों के बारे में पूछे जाने पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा, ‘‘हमने ईरान के फैसले का संज्ञान लिया है। मुझे लगता है कि एक साइट पर कैमरों की निगरानी है। हमने हमेशा ईरान से अपने दायित्वों के निर्वहन का आह्वान किया है।’’
बागची ने कहा, ‘‘हमने संयुक्त व्यापक कार्य योजना (जेसीपीओए) के सदस्यों को बातचीत को आगे बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित किया है, लेकिन मुझे नहीं लगता कि हम अमेरिका के एकतरफा प्रतिबंधों के मसले में शामिल हुए हैं। मुझे नहीं लगता कि हमने इस पर कोई टिप्पणी की है। हमें उम्मीद है कि दोनों पक्षों के बीच चर्चा आगे बढ़ सकती है।
Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।