CM उद्धव ठाकरे ने कोरेगांव मामले में NCP की तल्खी पर दिया जवाब, कहा- सिर्फ एलगार परिषद केस ही केंद्र को सौंपा है
By अनुराग आनंद | Published: February 18, 2020 12:32 PM2020-02-18T12:32:37+5:302020-02-18T12:32:37+5:30
उद्धव ठाकरे ने कहा, "मैंने नरेंद्र मोदी सरकार को जांच के लिए सिर्फ एलागार परिषद केस सौंपा है। कोरेगांव मामला दलित समाज के लोगों से जुड़ा है। इस मामले को प्रदेश सरकार ने नरेंद्र मोदी की केंद्र सरकार को नहीं सौंपा है।"
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और एनसीपी नेता शरद पवार के बीच कोरेगांव मामले को लेकर बढ़ रहे विवाद के बीच सीएम ठाकरे ने बयान दिया है। सीएम ने कहा है कि एलागर परिषद केस व कोरेगांव भीमा केस दो अलग-अलग मामला है।
इसका साथ ही उद्धव ठाकरे ने कहा कि मैंने नरेंद्र मोदी सरकार को जांच के लिए सिर्फ एलागार परिषद केस सौंपा है। इसके अलावा, ठाकरे ने यह भी कहा है कि कोरेगांव मामला दलित समाज के लोगों से जुड़ा है। इस मामले से जुड़ी किसी भी तरह की सबूत आदि को प्रदेश सरकार ने जांच के लिए केंद्र सरकार की संस्थाओं को नहीं सौंपा है।
Maharashtra CM Uddhav Thackeray: Elgaar Parishad case&Bhima Koregaon case are 2 different cases. Bhima Koregaon case is related to my Dalit ppl & the probe related to the case yet not given to Centre&it will not be handed over to Centre. Centre has taken over Elgaar Parishad case pic.twitter.com/AFv6xNSFKt
— ANI (@ANI) February 18, 2020
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे द्वारा कोरेगांव मामले में लिए गए फैसले से नाराज एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने अपनी पार्टी के सभी मंत्रियों की बैठक बुलाई थी। इस बैठक में पार्टी के सभी मंत्रियों के साथ बैठक करके बड़ा फैसला लिया था। बैठक के बाद एनसीपी के नेता व प्रदेश सरकार में मंत्री नवाब मलिक ने कहा था कि राज्य सरकार की एसआईटी सामानांतर रूप से मामले की जांच करेगी। उन्होंने कहा कि इसके लिए प्रदेश सरकार की गृह मंत्रालय जल्द कोई फैसला लेगी।
Nawab Malik, Maharashtra Minority Affairs Minister & Nationalist Congress Party (NCP) leader: State government will carry out a parallel enquiry in Bhima Koregaon case through SIT...Our Home Minister will make a decision soon, over forming the SIT. pic.twitter.com/Enpw7mNSRp
— ANI (@ANI) February 17, 2020
बता दें कि बैठक की बात शरद पवार के माध्यम से मीडिया में आते ही तरह-तरह की अटकलें लगाई जा रही थी। दरअसल, भीमा कोरेगांव मामले की जांच एनआईए को देने के बाद से माना जा रहा है कि पवार नाखुश हैं। पहले कहा गया था कि भीमा कोरेगांव मामले की जांच महाराष्ट्र पुलिस करेगी, लेकिन इसके बाद उद्धव ठाकरे ने एनआईए को इस मामले की जांच सौंपने का फैसला कर लिया था। इसके बाद से पवार और ठाकरे के बीच विवाद शुरू हो गया है।
मीडिया में आ रहे खबरों को देखें तो ठाकरे से शरद की नाराजगी सिर्फ कोरेगांव मामले पर नहीं है। इसके अलावा NPR को लेकर भी दोनों पार्टी के अलग-अलग स्टैंड रहे हैं। इसके अलावा उद्धव ठाकरे ने महाराष्ट्र में राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (NPR) को भी मंजूरी दे दी है।
दरअसल, भीमा कोरेगांव मामले की जांच एनआईए को देने के बाद से माना जा रहा है कि पवार नाखुश हैं। पहले कहा गया था कि भीमा कोरेगांव मामले की जांच महाराष्ट्र पुलिस करेगी, लेकिन इसके बाद उद्धव ठाकरे ने एनआईए को इस मामले की जांच सौंपने का फैसला कर लिया। इसके बाद से पवार और ठाकरे के बीच विवाद शुरू हो गया।