बिहार में कोरोना वायरस के मौत का पहला मामला सामने आया है, जबकि कई नए मामले सामने आए हैं। राज्य में कोरोना के बढ़ते संक्रमण के बीच मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री हरदीप सिंह पुरी से बात की है। उन्होंने केंद्रीय मंत्री से बिहार आने वाली सभी फ्लाइट को बंद करने की अपील की है। सीएम नीतीश कुमार ने केंद्रीय उड्डयन मंत्री हरदीप सिंह पुरी से बिहार सभी उड़ाने बंद करने का सुझाव दिया है। जनता दल यूनाइटेड के नेता और पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव संजय कुमार झा ने ट्वीट के जरिए इस बात की जानकारी दी है।
बिहार सरकार ने 31 मार्च तक सभी सरकारी और प्राइवेट स्कूल-कॉलेज बंद किए जा चुके हैं। इसके अलावा सरकारी पार्क और चिड़ियाघर भी बंद हैं। बावजूद इसके प्रदेश में कोरोना के मामले बढ़ते जा रहे हैं।
बता दें कि पटना शहर स्थित एम्स में कोरोना वायरस से संक्रमित एक मरीज सैफ अली (38) की मौत हो गयी है। बिहार के मुख्य सचिव दीपक कुमार ने बताया कि पटना एम्स में कोराना वायरस से संक्रमित एक मरीज की मौत हो चुकी है और वहां भर्ती कोरोना वायरस संक्रमित एक अन्य मरीज (इटली से आयी एक महिला) को पृथक रखा गया है ।
मुख्य सचिव ने बताया कि सैफ पटना एम्स में भर्ती होने के पूर्व कहां—कहां इलाज कराया और किन-किन लोगों के संपर्क में रहा उसके बारे में पता लगाया जा रहा है। पटना एम्स के निदेशक डॉ। प्रभात कुमार ने रविवार को बताया कि कोरोना वायरस से संक्रमित उक्त मरीज की मौत कल सुबह उनके अस्पताल में हुई थी।
उन्होंने बताया कि उक्त मरीज कतर से आया था और उनकी किडनी फेल होने के कारण उन्हें पृथक रखा गया था । बिहार के मुंगेर जिला निवासी सैफ को गत 20 मार्च को पटना एम्स में इलाज के लिए भर्ती कराया गया था । पटना एम्स के अधीक्षक डॉ। सी एम सिंह ने बताया कि उक्त मरीज के सैंपल को जांच के लिए 20 मार्च को ही आरएमआरआई भेजा गया था पर जांच रिपोर्ट उसकी मौत के बाद कल शाम को प्राप्त हुई थी। उन्होंने बताया कि पटना एम्स में वर्तमान में कोरोना वायरस से संदिग्ध छह मरीज भर्ती है जिनकी जांच रिपोर्ट आनी बाकी है ।
पटना एम्स प्रशासन द्वारा उक्त मरीज की रिपोर्ट आने के पहले ही उसके शव को परिजनों को सौंप दिये जाने के बार में पटना एम्स के उपाधीक्षक डॉ। योगेश कुमार ने बताया कि पूर्व में निर्धारित मानक के अनुसार शव को अंतिम संस्कार के लिए मृतक के परिजनों को सौंपा गया था। उन्होंने बताया कि उक्त मरीज का इलाज कर रहे सभी अस्पताल कर्मियों की जांच करवाये जाने के साथ नए मानक के तहत कोरोना वायरस संदिग्ध मरीजों के लिए अलग-अलग कमरे की व्यवस्था की गयी है।