सीएम नीतीश कुमार को झटका, जदयू के पूर्व विधायक मंजीत सिंह 3 जुलाई को राजद में होंगे शामिल, मंत्री लेसी सिंह को गोपालगंज भेजा
By एस पी सिन्हा | Updated: July 1, 2021 20:17 IST2021-07-01T20:16:08+5:302021-07-01T20:17:18+5:30
बिहार का राजनीति में सियासी भूचाल हो रहा है. भाजपा और जदयू के नेता राजद में शामिल हो रहे हैं. तेजस्वी यादव ने कहा है कि बिहार में कुछ नया होने वाला है.

मनजीत सिंह के प्रकरण को लेकर आरसीपी सिंह ने कहा है कि मनजीत सिंह उनकी पार्टी के विधायक थे.
पटनाः लोजपा में हुई टूट के बाद बिहार की राजनीति में अभी भी उथल-पुथल जारी है. जदयू के पूर्व विधायक मंजीत सिंह अपने समर्थकों के साथ 3 जुलाई को राजद में शामिल होने की घोषणा की.
इसके बाद सियासी भूचाल आ गया है. मंजित सिंह ने दो दिन पहले ही तेजस्वी यादव से पटना आवास पर आकर मुलाकात की थी. इसी बीच मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के दिल्ली से पटना लौटते ही मंजीत को रोकने के लिए जदयू की पूरी टीम उतर चुकी है. पूर्व विधायक के मंजीत सिंह को मनाने के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मंत्री लेसी सिंह को गोपालगंज भेज दिया.
मंत्री और पूर्व मंत्रियों की फौज गोपालगंज भेज दी
एक तरफ मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जहां मनजीत सिंह को हर कीमत पर राजद में जाने से रोकना चाहते हैं तो वहीं दूसरी तरफ से जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष आरसीपी सिंह की राय उनसे जुदा है. आरसीपी सिंह अब मंजीत सिंह को अपनी पार्टी का नेता मानने से इनकार कर रहे हैं. बावजूद इसके नीतीश कुमार ने उन्हें मनाने के लिए मंत्री और पूर्व मंत्रियों की फौज गोपालगंज भेज दी है.
मंजीत के समर्थकों ने हंगामा शुरू कर दिया
आज बरौली के देवापुर में खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री लेसी सिंह पहुंचीं. उनके अलावा पूर्व मंत्री जय कुमार सिंह और पूर्व विधायक मंजीत सिंह के करीबी व रिश्तेदार राणा रणधीर सिंह भी उन्हें मनाने के लिए पहुंचे. लेकिन वहां पर के मंत्री लेसी सिंह ने जैसे ही मंजीत सिंह को पटना चलकर मुख्यमंत्री से मुलाकात करने का आग्रह किया, मंजीत के समर्थकों ने हंगामा शुरू कर दिया.
नीतीश कुमार ने मिलने के लिए पटना से बुलाने के लिए भेजा
समर्थकों ने मंजीत सिंह को जदयू में वापस लौट जाने से मना किया. वहीं, खाद आपूर्ति मंत्री लेसी सिंह ने कहा कि मंजीत सिंह का नाता मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से पिता पुत्र जैसा है. वे पहले भी जदयू में थे और आज भी जदयू में हैं. मंत्री ने कहा कि उन्हें मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मिलने के लिए पटना से बुलाने के लिए भेजा है.
प्रदेश उपाध्यक्ष मिथिलेश तिवारी के खिलाफ निर्दलीय चुनाव लड़ गए थे
वहीं, पूर्व मंत्री जय कुमार सिंह ने भी कहा कि मंजीत सिंह अपने भाई हैं और पार्टी से कोई उनकी उपेक्षा नहीं हुई है बल्कि वे गोपालगंज के महत्वपूर्ण स्तंभ हैं. यहां बता दें गोपलगंज जिले के बैकुंठपुर से पूर्व विधायक मंजीत सिंह ने विधानसभा चुनाव के दौरान जदयू की सदस्यता छोड़ दी थी और वे भाजपा प्रत्याशी व पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष मिथिलेश तिवारी के खिलाफ निर्दलीय चुनाव लड़ गए थे.
आरसीपी सिंह ने कहा है कि मनजीत सिंह उनकी पार्टी के विधायक थे
लेकिन उन्हें हार मिली थी. हालांकि उनको मिले 40,000 वोटों के कारण यहां से भाजपा उम्मीदवार की भी हार हो गई थी और सीट राजद के खाते में चली गई थी. इसबीच, मनजीत सिंह के प्रकरण को लेकर आरसीपी सिंह ने कहा है कि मनजीत सिंह उनकी पार्टी के विधायक थे. लेकिन बीते चुनाव के समय वह पार्टी छोड़कर चले गए थे.
उन्होंने विधानसभा का चुनाव निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर लड़ा था और ऐसे में वह उनके ऊपर कोई प्रतिक्रिया नहीं दे सकते. मनजीत सिंह चाहे जहां कहीं भी जाएं, वह अपना भविष्य खुद तय कर सकते हैं. आरसीपी ने कहा कि मनजीत सिंह आज उनकी पार्टी में नहीं है लिहाजा पार्टी छोड़कर जाने का सवाल पैदा नहीं होता.
मंजीत सिंह और रालोसपा से चुनाव लडे़ महेश्वर सिंह शामिल
उन्होंने कहा कि मनजीत सिंह हो या कोई हर कोई अपने भविष्य को बेहतर बनाने के लिए राजनीति की राह चुनता है. अगर वह कहीं जा रहे हैं तो यह उनका अपना फैसला है. जदयू अध्यक्ष ने कहा कि मंजीत सिंह के पिता और खुद मंजीत सिंह के उन लोगों से करीबी रिश्ते रहे हैं.
खुद नीतीश कुमार और मैं उनके घर पर जा चुके हैं. ऐसे में फैसला उन्हें लेना है. बता दें कि दो पूर्व विधायकों ने राजद का दामन थामने का ऐलान किया है. इनमें पिछला विधानसभा चुनाव जदयू से टिकट ना मिलने पर बागी के रूप में निर्दलीय लड़ने वाले पूर्व विधायक मंजीत सिंह और रालोसपा से चुनाव लडे़ महेश्वर सिंह शामिल हैं.