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हवाला कारोबारी से मिले क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल कर दुबई में मौज मस्ती और नाइट क्लब जाते थे सीएम कमलनाथ के भांजे

By भाषा | Updated: October 18, 2019 18:02 IST

पुरी इस क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल कर निजी विमानों से उड़ान भरते थे और नाइट क्लब जाते थे। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने आठ हजार करोड़ रुपये के बैंक ऋण के मनी लौंड्रिंग से संबंधित एक मामले में दायर आरोपपत्र में यह बात कही है।

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ठळक मुद्देउनके पिता की प्रवर्तित कंपनी मोजर बेयर इंडिया लिमिटेड के खिलाफ आरोपपत्र दायर किया।हेर-फेर से संबंधित एक मामले में मनी लौंड्रिंग रोकथाम अधिनियम के तहत एक मामला दर्ज किया गया है।

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ के भांजे रतुल पुरी दुबई स्थित एक हवाला कारोबारी से मिले क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल कर मौज मस्ती का जीवन जी रहे थे।

उक्त हवाला कारोबारी वीवीआईपी चौपर घोटाले का एक आरोपी है। पुरी इस क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल कर निजी विमानों से उड़ान भरते थे और नाइट क्लब जाते थे। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने आठ हजार करोड़ रुपये के बैंक ऋण के मनी लौंड्रिंग से संबंधित एक मामले में दायर आरोपपत्र में यह बात कही है।

ईडी ने यहां एक विशेष अदालत में बृहस्पतिवार को पुरी, उनके सहयोगियों व उनके पिता की प्रवर्तित कंपनी मोजर बेयर इंडिया लिमिटेड के खिलाफ आरोपपत्र दायर किया। ईडी ने शुक्रवार को जारी एक बयान में कहा कि करीब आठ हजार करोड़ रुपये के हेर-फेर से संबंधित एक मामले में मनी लौंड्रिंग रोकथाम अधिनियम के तहत एक मामला दर्ज किया गया है।

एजेंसी ने कहा, ‘‘जांच में पता चला कि पुरी ने बैंकों से मिले कर्ज की राशि को दुनियाभर में स्थित मोजर बेयर की अनुषंगियों को हस्तांतरित कर दिया।’’ उसने कहा, ‘‘इसके साथ ही पुरी ने विभिन्न हवाला कारोबारियों तथा पेशेवरों की मदद से विभिन्न न्यायाधिकार क्षेत्रों में कॉरपोरेट संरचना तैयार की और कारखाने तथा अचल संपत्तियां खरीदने में निवेश किया। उन्होंने दुबई स्थित हवाला कारोबारी राजीव सक्सेना से मिले क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल कर आलीशान जीवन जीया।’’

सक्सेना 3,600 करोड़ रुपये के अगस्तावेस्टलैंड वीवीआईपी चौपर घोटाले में एक मुख्य आरोपी है। उसे इसी साल प्रत्यर्पित कर दुबई से भारत लाया गया। एजेंसी ने कहा, ‘‘क्रेडिट कार्ड से विलासितापूर्ण जीवन के लिये 45 लाख डॉलर खर्च किये गये।’’

ईडी ने कहा कि विभिन्न बैंकों से लिये गये 7,979.30 करोड़ रुपये के कर्ज का मोजर बेयर, उसके निदेशकों तथा प्रवर्तकों ने अपने निजी इस्तेमाल में दुरुपयोग किया और उसे पुरी की हिंदुस्तान पावर समूह की कंपनियों में हस्तांतरित कर दिया गया।

ईडी ने कहा कि ऋण पाने तथा कॉरपोरेट ऋण की पुनर्संरचना के लिये बैंकों को जाली दस्तावेज सौंपे गये। उसने कहा कि ऋण की वसूली का कोई प्रयास नहीं किया गया। अधिकांश अनुषंगियों के ऊपर बैंकों का कुल 7,979.30 करोड़ रुपये का बकाया है।

सीबीआई ने रतुल पुरी, उसके पिता दीपक पुरी, मां नीता और अन्य के खिलाफ 354 करोड़ रुपये की बैंक धोखाधड़ी के मामले में प्राथमिकी दर्ज की थी। सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया ने इन लोगों के खिलाफ शिकायत की थी। ईडी ने सीबीआई की प्राथमिकी के आधार पर मामला दर्ज किया। बैंक ने दावा किया था कि कंपनी और इसके निदेशकों ने जाली दस्तावेज सौंप कर बैंक को चूना लगाया। 

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