CM कमलनाथ ने कहा- किसानों का दमन बर्दाश्त नहीं, यह मेरी सरकार है
By राजेंद्र पाराशर | Updated: December 25, 2018 20:51 IST2018-12-25T20:51:00+5:302018-12-25T20:51:00+5:30
भाजपा ने कांग्रेस के खिलाफ एक तरह से मोर्चा खोल दिया और वह लगातार किसानों की समस्याओं को लेकर आंदोलन तक करने की बात कह रही है. किसानों की परेशानी पर राजनीति गर्माने और फिर सोमवार को पुलिस के लाठी चार्ज के बाद मुख्यमंत्री कमलनाथ की नाराजगी भी सामने आई.

CM कमलनाथ ने कहा- किसानों का दमन बर्दाश्त नहीं, यह मेरी सरकार है
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने अधिकारियों को चेतावनी दी है कि ये मेरी सरकार है, पुरानी सरकार नहीं, जहां किसानों के सीने पर गोलियां तक दागी गई. कानून व्यवस्था को बिगड़ने न दें.
मध्यप्रदेश में खाद की किल्लत झेल रहे किसान इन दिनों सड़क पर है. खुद कमलनाथ ने इस मामले को लेकर केन्द्र से चर्चा कर प्रदेश में खाद की उपलब्धता का प्रयास किया. इसी बीच किसानों के प्रदर्शन भी तेज हुए और सोमवार को स्थिति यहां तक निर्मित हुई कि गुना में बेकाबू किसानों पर पुलिस ने लाठियां भांज डाली.
इसके अलावा राज्य के रायसेन, राजगढ़, विदिशा,छतरपुर, टीकमगढ़ और अशोक नगर में किसान प्रदर्शन करते रहे तो टीकमगढ़ में पुलिस के पहरे में खाद का वितरण किया गया. वहीं चुनाव के बाद कांग्रेस की सरकार बनते ही शुरू हुई खाद की किल्लत ने राज्य में राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप भी तेज कर दिया.
भाजपा ने कांग्रेस के खिलाफ एक तरह से मोर्चा खोल दिया और वह लगातार किसानों की समस्याओं को लेकर आंदोलन तक करने की बात कह रही है. किसानों की परेशानी पर राजनीति गर्माने और फिर सोमवार को पुलिस के लाठी चार्ज के बाद मुख्यमंत्री कमलनाथ की नाराजगी भी सामने आई.
कमलनाथ ने मंगलवार को एक के बाद एक दो ट्वीट किए और अधिकारियों पर नाराजगी व्यक्त कर उन्हें खुली चेतावनी दे डाली. कमलनाथ ने अपने पहले ट्वीट में कहा कि ‘प्रदेश में शीघ्र हल होगा यूरिया का संकट. किसान भाई परेशान ना हो. सतत प्रयासों से पर्याप्त मात्रा में यूरिया की उपलब्धता सुनिश्चित. यूरिया लेने के लिए आ रहे किसानों पर लाठियां बर्दाश्त नहीं. यह कमलनाथ की सरकार है , किसान हितैषी सरकार है. अधिकारी पुरानी मानसिकता बदले.’
पहले ट्वीट के बाद उन्होंने दूसरा ट्वीट भी किया जिसमें लिखा है कि ‘ यह पुरानी सरकार नहीं, जहां किसानों के सीने पर गोलियां तक दागी गयी. कानून व्यवस्था की स्थिति बिगड़ने ना दे, लेकिन किसानों का दमन बर्दाश्त नहीं. मेरी सभी जिम्मेदारों को खुली चेतावनी.’