जम्मू कश्मीर, हिमाचल और लद्दाख में बादल फटे, 16 लोगों की मौत

By भाषा | Published: July 28, 2021 04:57 PM2021-07-28T16:57:33+5:302021-07-28T16:57:33+5:30

Cloudburst in Jammu and Kashmir, Himachal and Ladakh, 16 killed | जम्मू कश्मीर, हिमाचल और लद्दाख में बादल फटे, 16 लोगों की मौत

जम्मू कश्मीर, हिमाचल और लद्दाख में बादल फटे, 16 लोगों की मौत

शिमला/जम्मू, 28 जुलाई हिमाचल प्रदेश और केन्द्र शासित प्रदेशों जम्मू कश्मीर और लद्दाख में बारिश के कारण आई बाढ़ से बुधवार को कम से कम 16 लोगों की मौत हो गई और कई मकानों, खड़ी फसलों और एक लघु पनबिजली संयंत्र को क्षतिग्रस्त कर दिया। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।

उन्होंने बताया कि जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ जिले के एक सुदूर गांव में बुधवार तड़के साढ़े चार बजे बादल फटने से सात लोगों की मौत हो गई और 17 अन्य घायल हुए हैं जबकि पर्वतीय राज्य में अचानक आई बाढ़ में कम से कम नौ लोगों की मौत हो गई, दो घायल हो गए और सात लापता हो गए।

अधिकारियों ने बताया कि केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख में कारगिल के विभिन्न क्षेत्रों में दो बादल फटने से एक लघु पनबिजली परियोजना, लगभग 12 मकान और खड़ी फसलों को नुकसान पहुंचा है।

राज्य आपदा प्रबंधन निदेशक सुदेश कुमार मोख्ता ने कहा कि हिमाचल प्रदेश के लाहौल-स्पीति में उदयपुर के तोजिंग नाले में आई बाढ़ में सात लोगों की मौत हो गई, दो घायल हो गए और तीन अभी भी लापता हैं, जबकि चंबा में दो लोगों की मौत हो गई।

उन्होंने कहा कि कुल्लू जिले में एक महिला, उसके बेटे, एक जलविद्युत परियोजना अधिकारी और दिल्ली के एक पर्यटक सहित चार लोगों के मारे जाने की आशंका है।

किश्तवाड़ में नाले के किनारे स्थित 19 घर, 21 गौशाला और राशन डिपो के अलावा एक पुल भी बादल फटने से क्षतिग्रस्त हो गया। अधिकारियों ने बताया कि दच्चन तहसील के होन्जर गांव में बादल फटने की जगह से लापता 14 से अधिक लोगों का पता लगाने के लिए पुलिस, सेना और राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) द्वारा तलाशी एवं बचाव अभियान जारी है।

किश्तवाड़ जिले में बादल फटने से हुई जनहानि पर शोक व्यक्त करते हुए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि उन्हें कई लोगों की मौत से गहरा दुख हुआ है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि केंद्र किश्तवाड़ की स्थिति पर करीब से नजर रखे हुए है।

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा और पुलिस महानिदेशक दिलबाग सिंह से बात की और बादल फटने से पैदा हुए हालात का जायजा लिया।

एक पुलिस अधिकारी ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ‘‘बादल फटने से प्रभावित गांव (किश्तवाड़) से सात शव बरामद किए गए, जबकि 17 अन्य को बचा लिया गया।’’उन्होंने कहा कि 14 लापता लोगों का पता लगाने का प्रयास किया जा रहा है और बचाए गए पांच लोगों की हालत गंभीर बताई जा रही है।

मोख्ता ने बताया कि लाहौल के उदयपुर में मंगलवार रात करीब आठ बजे बादल फटने के कारण अचानक आई बाढ़ में मजदूरों के दो तम्बू और एक निजी जेसीबी मशीन बह गई। उन्होंने कहा कि उदयपुर के तोजिंग नाले में अचानक आई बाढ़ में 12 मजदूर बह गए।

उन्होंने कहा कि इनमें से सात शव बरामद हुए, दो को बचाया गया और तीन अभी भी लापता हैं।

लाहौल-स्पीति के उपायुक्त नीरज कुमार ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि भूस्खलनों के मलबे में फंसे मजदूरों को निकालने के लिए राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) का एक दल बुलाया गया है। उन्होंने कहा, ‘‘एनडीआरएफ का दल रास्ते में है और उसके दोपहर तक घटनास्थल पर पहुंचने की संभावना है।’’

जम्मू और कश्मीर में, पुलिस महानिदेशक-सह-कमांडेंट जनरल होम गार्ड, नागरिक सुरक्षा और एसडीआरएफ, वी के सिंह ने कहा कि बादल फटने में मारे गए सात लोगों में दो महिलाएं हैं। उन्होंने कहा, ‘‘किश्तवाड़ से हमारी एक एसडीआरएफ टीम प्रभावित गांव में पहुंच गई और दो और टीमें डोडा और उधमपुर जिलों से जा रही हैं। एसडीआरएफ की दो और टीमें जम्मू और श्रीनगर से इसमें शामिल होने के लिए मौसम में सुधार की प्रतीक्षा कर रही हैं। ’’

उन्होंने कहा, ‘‘खराब मौसम बचाव अभियान में बाधा डाल रहा है क्योंकि हमारी टीमें हवाई अड्डों पर इंतजार कर रही हैं। गांव अंतिम सड़क संपर्क से तीन घंटे की पैदल दूरी पर है।’’

किश्तवाड़ के जिला विकास आयुक्त ने कहा कि दूर-दराज के लैम्बार्ड इलाके में रात भर दो बादल फटे लेकिन किसी के हताहत होने की खबर नहीं है। उन्होंने कहा कि लगातार बारिश को देखते हुए पद्दार इलाके से 60 परिवारों को सुरक्षित स्थान पर ले जाया गया है, जिससे उनके घरों को खतरा है।

एक रक्षा प्रवक्ता ने कहा कि बचाव अभियान में नागरिक प्रशासन की सहायता के लिए सेना की दो टुकड़ियां तैनात की गई हैं।

जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल सिन्हा ने ट्वीट किया, ‘‘ दाचन में बादल फटने से अचानक आई बाढ़ से लोगों की जान जाने से बेहद दुखी हूं। शोक संतप्त परिवार के साथ मेरी संवेदनाएं हैं। वरिष्ठ अधिकारियों और जिला प्रशासन से बात की है। सेना और एसडीआरएफ बचाव कार्य में जुटे हैं और लापता लोगों की तलाश कर रहे हैं। मैं लगातार स्थिति पर नजर बनाए हूं।’’

राज्य आपदा प्रबंधन निदेशक मोख्ता ने कहा कि लाहौल-स्पीति में, कई सड़कें अवरुद्ध हो गई हैं और कई भूस्खलन के कारण लगभग 60 वाहन फंसे हुए हैं।

उन्होंने कहा कि भूस्खलन के कारण राज्य के कई अन्य हिस्सों में कई सड़कें अवरुद्ध हो गई हैं। उन्होंने कहा कि शिमला शहर के विकास नगर में भूस्खलन में एक कार क्षतिग्रस्त हो गई।

इस बीच, हिमाचल प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में भारी बारिश जारी है, जबकि जम्मू क्षेत्र के अधिकांश हिस्सों में पिछले कुछ दिनों से भारी बारिश हो रही है और जुलाई के अंत तक और बारिश होने की आशंका है। किश्तवाड़ में अधिकारियों ने पहले ही जलाशयों और बाढ़ की आशंका वाले इलाकों में रहने वाले लोगों को सतर्क रहने को कहा है।

शिमला मौसम विज्ञान केंद्र ने 'रेड अलर्ट' चेतावनी जारी की है, जबकि मौसम विभाग के एक प्रवक्ता ने कहा कि 30 जुलाई तक पूरे जम्मू-कश्मीर में व्यापक रूप से रुक-रुक कर बारिश जारी रहने का अनुमान है।

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