डोडा में बादल फटने से 4 मरे, जम्मू कश्मीर में सभी नदियां खतरे के निशान को पार, जम्मू में खराब हो रहे मौसम के कारण रोकी गई वैष्णो देवी यात्रा
By सुरेश एस डुग्गर | Updated: August 26, 2025 14:20 IST2025-08-26T14:19:13+5:302025-08-26T14:20:42+5:30
अधिकारी ने बताया कि कई इलाकों में आवासीय ढांचों और अन्य संपत्तियों को काफी नुकसान हुआ है। जिला प्रशासन हाई अलर्ट पर है और बचाव एवं राहत अभियान जारी है।

file photo
जम्मूः डोडा में बादल के फटने और बारिश के कारण संपत्तियों के ढहने से 4 लोगों की मौत हो गई है। अधिकारियों ने मंगलवार को बताया कि डोडा जिले में भारी बारिश और प्रतिकूल मौसम के कारण पिछले 24 घंटों में कम से कम चार लोगों की जान चली गई और कई संपत्तियों को नुकसान पहुंचा। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि दो लोगों की मौत उनके घर गिरने से हुई, जबकि दो अन्य की मौत लगातार बारिश के कारण आई बाढ़ में हुई। अधिकारी ने बताया कि कई इलाकों में आवासीय ढांचों और अन्य संपत्तियों को काफी नुकसान हुआ है। जिला प्रशासन हाई अलर्ट पर है और बचाव एवं राहत अभियान जारी है।
अधिकारियों ने निवासियों, खासकर निचले और पहाड़ी इलाकों में रहने वालों से सतर्क रहने का आग्रह किया है क्योंकि रुक-रुक कर बारिश जारी है। इस बीच जम्मू कश्मीर में सभी दरिया और नदियां खतरे के निशान को पार चुकी हैं। अधिकारियों ने अलर्ट जारी करते हुए कई स्थानों पर लोगों को घरों को खाली कर सुरक्षित स्घ्थानों पर जाने को कहा है।
उधमपुर में भी तवी नदी का जलस्तर निकासी के निशान से ऊपर पहुंच जाने के बाद मंगलवार सुबह अधिकारियों ने अलर्ट जारी कर दिया, जिससे निचले इलाकों में बाढ़ का गंभीर खतरा पैदा हो गया। सुबह 9.15 बजे, उधमपुर में जलस्तर 24.975 फीट दर्ज किया गया, जो निकासी के स्तर 23.4 फीट से काफी ऊपर था।
अधिकारियों ने बताया कि स्थिति चिंताजनक हो गई है क्योंकि नदी पहले ही 20 फीट के खतरे के निशान को पार कर चुकी है और सुरक्षित सीमा से तेजी से बढ़ रही है। अलर्ट स्तर 15 फीट है, जो दर्शाता है कि वर्तमान प्रवाह सभी सीमाओं को पार कर गया है। जबकि जम्मू में, तवी नदी फिलहाल अलर्ट स्तर से नीचे बह रही है,
लेकिन अधिकारियों ने आगाह किया है कि आने वाले घंटों में इसमें तेज वृद्धि होने की उम्मीद है। पूर्वानुमान बताते हैं कि नदी जल्द ही बाढ़ की चेतावनी और खतरे के स्तर को पार कर सकती है, जिससे इसके किनारे के संवेदनशील इलाकों में निकासी के उपाय शुरू हो सकते हैं।
जिला प्रशासन को हाई अलर्ट पर रहने की सलाह दी गई है, साथ ही बचाव दल और आपदा प्रबंधन इकाइयों को तैयार रहने को कहा गया है। नदी के निकट रहने वाले निवासियों से सुरक्षित स्थानों पर चले जाने और आधिकारिक सलाह का कड़ाई से पालन करने का आग्रह किया गया है।
रावी, उज और बसंतर नदियों का जलस्तर भी कई स्थानों पर खतरे के निशान को पार कर जाने के बाद मंगलवार को अधिकारियों ने जम्मू क्षेत्र में बाढ़ की चेतावनी जारी की। अधिकारियों ने बताया कि रावी नदी पर बने माधोपुर बैराज से पानी का स्तर 1,00,000 क्यूसेक से अधिक हो गया है, जिससे निचले इलाकों में पानी भर गया है।
बागथली, मासोस पुर, कीरियां गंडियाल, बरनी, धन्ना, धनोर, करयाली और आसपास के इलाकों सहित कई गांवों में भारी बाढ़ आ गई है। कठुआ जिले में, उज नदी का जलस्तर खतरे के निशान के करीब पहुँच रहा है। पंजतीर्थी में, वर्तमान डिस्चार्ज 78,750 क्यूसेक है, जबकि खतरे का स्तर 88,000 क्यूसेक है, जबकि कठुआ में, प्रवाह 83,834 क्यूसेक तक पहुंच गया है,
जबकि खतरे का स्तर 95,099 क्यूसेक है। इस बीच, सांबा जिले में, बसंतर नदी सुबह 9 बजे खतरे के निशान को पार कर गई। इसका जलस्तर 4.5 फीट दर्ज किया गया, जो खतरे की सीमा के बराबर है। अधिकारियों ने चेतावनी दी है कि जलस्तर अभी भी बढ़ रहा है। प्रभावित क्षेत्रों के निवासियों को हाई अलर्ट पर रहने और एहतियाती कदम उठाने की सलाह दी गई है। प्रशासन ने कहा कि जरूरत पड़ने पर बचाव और निकासी में मदद के लिए आपदा प्रतिक्रिया दल तैयार हैं।