Cleanest Cities in India 2023-24: इंदौर को लगातार सातवीं बार खिताब, केंद्र सरकार के वार्षिक सर्वेक्षण में इंदौर, सूरत देश के सबसे स्वच्छ शहर, राज्यों में महाराष्ट्र ने मारी बाजी

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: January 11, 2024 01:09 PM2024-01-11T13:09:12+5:302024-01-11T13:37:21+5:30

Cleanest Cities in Annual Survey 2023-24: 'स्वच्छ सर्वेक्षण पुरस्कार 2023' में ‘शानदार प्रदर्शन करने वाले राज्यों’ की श्रेणी में महाराष्ट्र ने पहला स्थान हासिल किया।

Cleanest Cities in Annual Survey 2023-24 Indore, Surat named cleanest cities in Central govt's annual survey Indore bags the title seventh time in row Maharashtra won among the states | Cleanest Cities in India 2023-24: इंदौर को लगातार सातवीं बार खिताब, केंद्र सरकार के वार्षिक सर्वेक्षण में इंदौर, सूरत देश के सबसे स्वच्छ शहर, राज्यों में महाराष्ट्र ने मारी बाजी

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Highlightsमध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ रहे। इंदौर को लगातार सातवीं बार सबसे स्वच्छ शहर का पुरस्कार मिला। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कार्यक्रम में पुरस्कार प्रदान किए।

Cleanest Cities in Annual Survey 2023-24: केंद्र सरकार के वार्षिक स्वच्छता सर्वेक्षण में इंदौर और सूरत को देश के सबसे स्वच्छ शहर के रूप में चुना गया वहीं नवी मुंबई तीसरे स्थान पर रहा। बृहस्पतिवार को घोषित सर्वेक्षण के नतीजों में यह जानकारी दी गई। 'स्वच्छ सर्वेक्षण पुरस्कार 2023' में ‘शानदार प्रदर्शन करने वाले राज्यों’ की श्रेणी में महाराष्ट्र ने पहला स्थान हासिल किया।

जिसके बाद मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ रहे। इंदौर को लगातार सातवीं बार सबसे स्वच्छ शहर का पुरस्कार मिला। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने यहां आयोजित एक कार्यक्रम में पुरस्कार प्रदान किए। इस अवसर पर केन्द्रीय आवास एवं शहरी मामलों के मंत्री हरदीप सिंह पुरी और अन्य गणमान्य मौजूद रहे।

नम्बर-1 का खिताब गुजरात के प्रमुख वाणिज्यिक नगर सूरत के साथ साझा करना पड़ा

कचरे को हर दरवाजे से छह श्रेणियों में अलग-अलग जमा किए जाने के बाद इसके प्रसंस्करण और निपटान की टिकाऊ प्रणाली के बूते केंद्र सरकार के राष्ट्रीय स्वच्छता सर्वेक्षण में इंदौर लगातार सातवीं बार अव्वल रहा है। मध्यप्रदेश की आर्थिक राजधानी कहे जाने वाले इस शहर को इस बार नम्बर-1 का खिताब गुजरात के प्रमुख वाणिज्यिक नगर सूरत के साथ साझा करना पड़ा है।

‘‘वेस्ट टू वेल्थ’’ की थीम पर केंद्रित वर्ष 2023 के स्वच्छता सर्वेक्षण में अलग-अलग श्रेणियों में देश के 4,400 से ज्यादा शहरों के बीच कड़ी टक्कर थी। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की मौजूदगी में दिल्ली में बृहस्पतिवार को आयोजित कार्यक्रम में इंदौर को सूरत के साथ देश का सबसे स्वच्छ शहर घोषित किया गया।

इंदौर ने 4,709.40 अंक हासिल किए

स्वच्छ भारत अभियान के लिए इंदौर नगर निगम (आईएमसी) के सलाहकार अमित दुबे ने बताया कि स्वच्छता सर्वेक्षण के कुल 9,500 अंकों के मुकाबले में सबसे ज्यादा 4,830 अंक सेवा स्तरीय प्रगति के तहत अलग-अलग तरह के कचरे के सुव्यवस्थित संग्रहण, प्रसंस्करण और निपटान के लिए तय थे और इंदौर ने इनमें से 4,709.40 अंक हासिल किए।

उन्होंने कहा,‘‘इंदौर में कचरा संग्रह, प्रसंस्करण और निपटान की टिकाऊ प्रणाली विकसित की गई है। राष्ट्रीय स्वच्छता सर्वेक्षण में शहर की सिलसिलेवार कामयाबी की बुनियाद इसी प्रणाली पर टिकी है।’’ दुबे ने बताया कि एकल उपयोग वाले प्लास्टिक पर पूर्ण प्रतिबंध लागू करने वाले इंदौर में गुजरे सालों में कचरे का उत्पादन कम हुआ है।

4.65 लाख घरों और 70,543 वाणिज्यिक प्रतिष्ठानों के अपशिष्ट की प्राथमिक स्रोत पर ही सुव्यवस्थित छंटाई

उन्होंने कहा कि शहर में कचरा घटाने में झोला बैंकों, ‘थ्री आर’’ (रिड्यूस, रीयूज और रीसाइकिल) केंद्रों, कबाड़ में मिली चीजों को दोबारा इस्तेमाल के लायक बनाकर विकसित किए गए उद्यानों, बर्तन बैंकों और गीले कचरे से घरों में ही खाद बनाने के संयंत्रों (होम कम्पोस्टिंग) की बड़ी भूमिका है।

आईएमसी के अधिकारियों ने बताया कि शहर के 4.65 लाख घरों और 70,543 वाणिज्यिक प्रतिष्ठानों के अपशिष्ट की प्राथमिक स्रोत पर ही सुव्यवस्थित छंटाई की जाती है और अलग-अलग संयंत्रों में इस कचरे का प्रसंस्करण व निपटान किया जाता है। उन्होंने बताया कि शहर में औसत आधार पर हर दिन 692 टन गीला कचरा, 683 टन सूखा कचरा और 179 टन प्लास्टिक अपशिष्ट अलग-अलग श्रेणियों में इकट्ठा किया जाता है। इसके लिए शहर भर में करीब 850 गाड़ियां चलती हैं जिनमें डायपर और सैनिटरी नैपकिन जैसे जैव अपशिष्ट के लिए विशेष कम्पार्टमेंट बनाए गए हैं।

हर दिन 17,000 से 18,000 किलोग्राम बायो-सीएनजी और 100 टन जैविक खाद बना सकता है

अधिकारियों ने बताया कि शहर के देवगुराड़िया ट्रेंचिंग ग्राउंड पर 15 एकड़ पर सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) के आधार पर एक कम्पनी द्वारा चलाया जा रहा ‘‘गोबर-धन’’ संयंत्र हर दिन 550 टन गीले कचरे (फल-सब्जियों और कच्चे मांस का अपशिष्ट, बचा या बासी भोजन, पेड़-पौधों की हरी पत्तियों, ताजा फूलों का कचरा आदि) से हर दिन 17,000 से 18,000 किलोग्राम बायो-सीएनजी और 100 टन जैविक खाद बना सकता है।

उन्होंने बताया कि इस संयंत्र में बनी बायो-सीएनजी से 110 सिटी बसें चलाई जा रही हैं जो निजी कम्पनी द्वारा शहरी निकाय को सामान्य सीएनजी की प्रचलित बाजार दर से पांच रुपये प्रति किलोग्राम कम दाम पर बेची जाती है।

English summary :
Cleanest Cities in Annual Survey 2023-24 Indore, Surat named cleanest cities in Central govt's annual survey Indore bags the title seventh time in row Maharashtra won among the states


Web Title: Cleanest Cities in Annual Survey 2023-24 Indore, Surat named cleanest cities in Central govt's annual survey Indore bags the title seventh time in row Maharashtra won among the states

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