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अपना घर भी नहीं खरीद पाए हैं नये CJI रंजन गोगोई, शादी के बाद पत्नी को नहीं दिलाई कोई ज्वेलरी

By जनार्दन पाण्डेय | Updated: October 3, 2018 12:41 IST

सीजेआई रंजन गोगाई की जीवन भर की बचत उतनी नहीं है जितनी देश के प्रतिष्ठित वकील एक केस लड़ने की एक दिन की फीस लेते हैं।

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नई दिल्ली, 3 अक्टूबरः जस्टिस रंजन गोगोई ने बुधवार को भारत के 46वें चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) की शपथ ले ली है। उन्होंने पूर्व सीजेआई जस्टिस दीपक मिश्रा की जगह ली है। इनका कार्यकाल साल 2019 तक रहेगा। वह 17 नवंबर 2019 को सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के पद से रिटायर होंगे। इस वक्त सोशल मीडिया में उनके न्यायिक मसलों को लेकर दिखाए गए साहस की खूब चर्चा हो रही है। जस्टिस रंजन गोगई उन चार जजों में शामिल रहे जिन्होंने इसी साल 12 जनवरी को मीडिया के सामने आकर सुप्रीम कोर्ट में सबकुछ ठीक ना चलने के बारे में जानकारी दी।साथ ही उनके पूर्वोत्तर भारत से आने वाले पहले सीजेआई बनने की भी जमकर चर्चा है। लेकिन रंजन गोगोई के बारे में कुछ बातें ऐसी भी हैं, जिनके बारे में बहुत से लोग नहीं जानते हैं।

16 सालों तक न्यायिक पदों पर रहने के बाद भी नहीं है अपना घर

रंजन गोगोई का जन्म 18 नवंबर 1954 को हुआ था। उन्होंने 1978 में बतौर वकील पंजीकरण कराया था। 28 फरवरी 2001 को स्थायी जज बने। 12 फरवरी 2011 को जस्टिस रंजन गोगोई पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस हुए। 23 अप्रैल 2012 को सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश नियुक्त हुए। पर जनसत्ता की एक खबर के अनुसार इतने लंबे समय से न्यायिक पदों पर रहने के बाद भी सीजेआई गोगाई अपना घर नहीं खरीद पाए हैं।

वहीं टाइम्स ऑफ एक रिपोर्ट के अनुसार इनकी जीवन भर की बचत उतनी नहीं है जितनी देश के प्रतिष्ठित वकील एक केस लड़ने की एक दिन की फीस लेते हैं। खबर के मुताबिक उनके पास सोने का कोई आभूषण नहीं है। उन्होंने अपनी पत्नी के लिए शादी के बाद एक भी आभूषण नहीं खरीदे हैं।इतना ही नहीं सीजेआई गोगोई के पास अपना कोई निजी वाहन नहीं है। उनके ऊपर ना किसी तरह का कोई लोन या कोई देनदारी है। ना ही उनकी शेयर बाजार में कोई दिलचस्पी है।

जस्टिस गोगाई के संपत्ति के हलफनामे के अनुसार उनकी पत्नी की कुल संपत्ति 30 लाख रुपये है। सीजेआई के नाम पर पैसों को लेकर सबसे बड़ा जिक्र उनके साल 1999 में खरीदे एक प्लॉट को 65 लाख रुपये में बेचने का मिलता है, जो कि पूरी तरह वैधानिक और पूरी जानकारी के साथ हलफनामे में अंकित है। इन सब की तुलना जब आज प्रतिष्ठित वकीलों की फीस से तुलना करेंगे तो पाएंगे कई वकील महज 1 दिन का 50 लाख से ज्यादा चार्ज करते हैं।

सुप्रीम कोर्ट में सुनाए हैं कई अहम फैसले

- साल 2016 के अगस्त महीने में सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार के उस आदेश को खारिज कर दिया था। जिसमें पूर्व मुख्यमंत्रियों को जीवन भर मुफ्त सरकारी आवास देने की व्यवस्था की गई थी। ये फैसला जस्टिस गोगोई की बेंच से ही निकला था।

कौन बनेगा करोड़पति शो से अमिताभ बच्चन के टैक्स चुराने मामले पर भी जस्टिस गोगोई ने बड़ा फैसला दिया था। मई 2016 में जस्टिस गोगोई और जस्टिस पीसी पंत की पीठ ने मुंबई हाई कोर्ट के उस आदेश को निरस्त कर दिया जिसमें कौन बनेगा करोड़पति शो से अमिताभ की कमाई के असेसमेंट पर रोक लगाई गई थी। आयकर विभाग ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर आरोप लगाया था कि अमिताभ ने 2002-03 के दौरान हुई कमाई पर 1.66 करोड़ रुपये का कम टैक्स चुकाया है। 

- इसके अलावा चुनाव के दौरान उम्मीदवारों को संपत्ति, शिक्षा व व चल रहे मुकदमों का ब्यौरा देने का फैसला भी जस्टिस गोगोई ने ही सुनाया। उन्होंने ही कन्हैया कुमार के केस में एसआईटी के गठन से इंकार किया था। कोलकाता हाईकोर्ट के जस्टिस सीएस कर्नन को छह माह की सजा सुनाने वाली संविधान पीठ में भी ये शामिल थे।

- मौजूदा समय में जस्टिस गोगोई असम में नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटीजन मामले की सुनवाई कर रहे हैं।

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