जस्टिस रंजन गोगोई ने संसद का अपमान किया, कांग्रेस ने लगाया आरोप, 10 फीसदी से कम उपस्थिति पर दिया था बयान
By विशाल कुमार | Published: December 12, 2021 08:20 AM2021-12-12T08:20:52+5:302021-12-12T08:25:52+5:30
वरिष्ठ कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने ट्वीट कर कहा कि एनडीटीवी को दिए एक साक्षात्कार में जस्टिस गोगोई की वह टिप्पणी जिसमें उन्होंने कहा था कि जब उन्हें ऐसा महसूस होगा वह उच्च सदन में भाग लेंगे, संसद का अपमान करने जैसा है।
नई दिल्ली: वरिष्ठ कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने शनिवार को संसद में कम उपस्थिति को लेकर दिए गए पूर्व चीफ जस्टिस रंजन गोगोई के बयान की आलोचना की है और उसे संसद का अपमान बताया है।
रमेश ने ट्वीट कर कहा कि एनडीटीवी को दिए एक साक्षात्कार में जस्टिस गोगोई की वह टिप्पणी जिसमें उन्होंने कहा था कि जब उन्हें ऐसा महसूस होगा वह उच्च सदन में भाग लेंगे, संसद का अपमान करने जैसा है।
संसद के रिकॉर्ड बताते हैं कि जस्टिस गोगोई की राज्यसभा में उपस्थिति 10 प्रतिशत से भी कम है जहां वह पिछले साल सदस्य बने थे।
अपनी नई किताब के सिलसिले में एनडीटीवी को दिए एक इंटरव्यू में जब उनसे पूछा गया कि आपकी संसद में उपस्थिति 10 फीसदी से कम क्यों है जबकि आप तो न्यायपालिका और अपने गृह राज्य असम के मुद्दे उठाते बात कहकर आए थे।
#NDTVExclusive | Justice Gogoi, ex-Chief Justice of India, defended his controversial decision to accept a Rajya Sabha seat just 4 months after he retired from the Supreme Court, saying he wanted to do public service. But Parliament records show he has less than 10% attendance. pic.twitter.com/YIyIYCUUYP
— NDTV (@ndtv) December 9, 2021
इस पर उन्होंने अपनी कम उपस्थिति के कोविड-19 महामारी को एक कारण में से गिनाया। उन्होंने कहा कि आपने इस तथ्य को नजरअंदाज कर दिया कि एक या दो सत्रों के लिए मैंने सदन को एक पत्र सौंपा है जिसमें कहा गया है कि कोविड के कारण, चिकित्सा सलाह पर मैं सत्र में शामिल नहीं हो रहा हूं।
उन्होंने आगे कहा कि जब भी मेरा मन करता है मैं राज्यसभा जाता हूं... जब मुझे लगता है कि महत्वपूर्ण मामले हैं जिन पर मुझे बोलना चाहिए।
इस पर रमेश ने ट्वीट कर कहा कि यह असाधारण है और वास्तव में संसद का अपमान है कि भारत के पूर्व मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई कहते हैं कि वह राज्यसभा में तब हिस्सा लेंगे, जिसमें उन्हें मनोनीत किया गया है, जब उन्हें ऐसा लगता है! संसद केवल बोलने के लिए नहीं है बल्कि सुनने के लिए भी है।
It is extraordinary and actually an insult to Parliament that former Chief Justice of India Ranjan Gogoi says he will attend the Rajya Sabha, to which he has been nominated, when he feels like it! Parliament is not just about speaking but also listening.
— Jairam Ramesh (@Jairam_Ramesh) December 11, 2021
जस्टिस गोगोई ने अपने हाल ही में प्रकाशित संस्मरण में सुप्रीम कोर्ट से सेवानिवृत्त होने के चार महीने बाद राज्यसभा में शामिल होने के अपने फैसले का बचाव किया है।
उन्होंने कहा कि जब उन्हें पद की पेशकश की गई, तो उन्होंने बिना किसी हिचकिचाहट के इसे स्वीकार कर लिया, क्योंकि वह न्यायपालिका और उत्तर पूर्व क्षेत्र से संबंधित मुद्दों को उठाना चाहते थे।