नई दिल्ली: नई दिल्ली: भारत के चीफ जस्टिस (सीजेआई) भूषण रामकृष्ण गवई ने सोमवार को जस्टिस सूर्यकांत को अपना उत्तराधिकारी बनाने की सिफारिश की। जस्टिस कांत सुप्रीम कोर्ट के सबसे सीनियर जज हैं। बता दें कि CJI गवई 23 नवंबर को रिटायर हो रहे हैं।
इस साल 14 मई को CJI गवई ने भारत के चीफ जस्टिस का पद संभाला। खास बात यह है कि गवई, जस्टिस के. जी. बालकृष्णन के बाद शेड्यूल कास्ट (SC) समुदाय से भारत के दूसरे चीफ जस्टिस हैं। बालकृष्णन ने 2007 से 2010 तक इस पद पर काम किया था।
कौन हैं जस्टिस कांत?
जस्टिस कांत का जन्म 10 फरवरी 1962 को हरियाणा के हिसार में हुआ था। उन्होंने 1984 में महर्षि दयानंद यूनिवर्सिटी, रोहतक से लॉ में बैचलर डिग्री हासिल की और फिर हिसार की डिस्ट्रिक्ट कोर्ट में वकालत शुरू की।
1985 में, वह पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट में प्रैक्टिस करने के लिए चंडीगढ़ चले गए। वह संवैधानिक, सर्विस और सिविल मामलों के स्पेशलिस्ट हैं। 7 जुलाई 2000 को, वह हरियाणा के सबसे कम उम्र के एडवोकेट जनरल बने।
जनवरी 2004 में, जस्टिस कांत को पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट में परमानेंट जज बनाया गया। उन्होंने 5 अक्टूबर 2018 को हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस का पदभार भी संभाला।
9 मई 2019 को, तत्कालीन चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाले सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने उन्हें सुप्रीम कोर्ट में प्रमोट करने की सिफारिश की। 24 मई 2019 को, जस्टिस कांत ने सुप्रीम कोर्ट के जज के तौर पर शपथ ली। वह 9 फरवरी 2027 को रिटायर होंगे।