Asaduddin Owaisi On CAA: 'आपका धर्म इस्लाम है तो आपको नागरिकता नहीं देंगे', सीएए पर असदुद्दीन ओवैसी ने खटखटाया सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा
By धीरज मिश्रा | Published: March 17, 2024 12:15 PM2024-03-17T12:15:00+5:302024-03-17T12:17:33+5:30
Asaduddin Owaisi Citizenship Amendment Act: असदुद्दीन ओवैसी ने नागरिकता कानून पर रोक लगाने के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।
Asaduddin Owaisi Citizenship Amendment Act:असदुद्दीन ओवैसी ने नागरिकता कानून पर रोक लगाने के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। ओवैसी ने कहा कि हमारा मामला सीएए को चुनौती देने वाला है और पहले से ही सुप्रीम कोर्ट में है, लेकिन उस समय भारत सरकार ने कहा था कि नियम अभी तक नहीं बनाए गए हैं। अब सरकार ने अधिसूचना जारी कर दी है और नियम बना दिए हैं।
#WATCH | AIMIM chief Asaduddin Owaisi says, "Our case (challenging CAA) is already in the Supreme Court but at that time govt of India said that the rules are yet not framed. But now as the govt has issued the notifications and has framed the rules for CAA, going to the Supreme… pic.twitter.com/wIGjYy9t1r
— ANI (@ANI) March 16, 2024
उन्होंने कहा कि अगर सरकार असंवैधानिक कानून के आधार पर नागरिकता देने लगेगी तो ये नुकसानदायक हो सकता है। ये सरकार कह रही है कि अगर आपका धर्म इस्लाम है तो हम आपको नागरिकता नहीं देंगे। इसके लिए हम सुप्रीम कोर्ट गए हैं। यहां बताते चले कि केंद्रीय गृह मंत्रालय ने 11 मार्च को नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) के कार्यान्वयन के लिए नियमों को अधिसूचित किया गया।
एएनआई की खबर के अनुसार, असदुद्दीन ओवैसी के वकील एडवोकेट निज़ाम पाशा ने 2019 में एक याचिका दायर की थी जब सीएए पारित किया गया था, अनुच्छेद 21 और 25 में इसकी संवैधानिक वैधता को चुनौती दी गई थी। उस समय अंतरिम रोक के आवेदन पर बहस नहीं हुई क्योंकि केंद्र सरकार के वकीलों ने कहा था कि उनका अधिनियम को तुरंत लागू करने का कोई इरादा नहीं था।
अब चार साल बाद सरकार ने अधिनियम को क्रियान्वित करने के लिए नियमों को अधिसूचित किया है और इसलिए हम अधिनियम और नियमों के कार्यान्वयन पर रोक लगाने के लिए एक अंतरिम आवेदन दायर कर रहे हैं।
सीएए पर क्या बोले थे गृह मंत्री
बीते दिनों पहले एक निजी टीवी चैनल के कार्यक्रम में पहुंचे गृह मंत्री अमित शाह से जब सीएए पर सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा था कि शरीयत का समर्थन करने वाले सीएए का विरोध कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि सीएए कभी वापस नहीं लिया जाएगा। हमारे देश में भारतीय नागरिकता सुनिश्चित करना हमारा संप्रभु निर्णय है, हम इस पर कभी समझौता नहीं करेंगे।