CISF ने दिल्ली मेट्रो के लिए बनाई नई योजना, कोरोना के कारण किए जाएंगे कई उपाय
By भाषा | Published: August 29, 2020 09:30 PM2020-08-29T21:30:55+5:302020-08-29T21:30:55+5:30
कोविड-19 महामारी के कारण पांच महीने बंद रहने के बाद सितंबर में मेट्रो के फिर से चलने की संभावना है। भारत सरकार ने मेट्रो रेल को 7 सितंबर से क्रमबद्ध तरीके से संचालित करने की अनुमति दी है।
नई दिल्ली: दिल्ली मेट्रो की सेवा बहाल होने की स्थिति में सीआईएसएफ (CISF) ने कोविड-19 (Covid-19) के मद्देनजर कई तरह के उपायों का प्रस्ताव दिया है। इसके तहत, संपर्करहित तलाशी के लिए यात्रियों को मेटल डिटेक्टर से होकर गुजरना होगा और बुखार जैसे लक्षणों की जांच होगी। उचित दूरी का पालन सुनिश्चित करने के लिए भीड़ बढ़ने पर प्रवेश द्वार पर ही यात्रियों को रोक दिया जाएगा।
राष्ट्रीय राजधानी में मेट्रो की सुरक्षा करने वाले अर्द्धसैन्य बल ने नयी योजना तैयार की है, जिसे शहरी विकास मंत्रालय और दिल्ली मेट्रो रेल निगम (डीएमआरसी) के साथ ‘विचार-विमर्श’ करने के बाद लागू किया जाएगा। बल द्वारा सुझाई गई योजना के मुताबिक यात्रियों को आरोग्य सेतु ऐप डाउनलोड करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा और मेट्रो परिसर में सभी गतिविधियों पर इलेक्ट्रॉनिक और कर्मियों के जरिए निगरानी बढ़ाई जाएगी।
भौतिक दूरी के पालन समेत कई अन्य उपाय भी किए जाएंगे। यह सुनिश्चित करने के लिए तैयारी चल रही है कि मेट्रो कर्मचारियों और यात्रियों के स्वास्थ्य और सुरक्षा के साथ कोई समझौता नहीं हो तथा कोविड-19 के काल में मेट्रो के 230 से ज्यादा स्टेशनों पर व्यापक सुरक्षा घेरा तैयार किया जाए।
सीआईएसएफ ने कहा- स्टेशन में प्रवेश करने के पहले ‘आरोग्य सेतु’ मोबाइल ऐप की होगी जांच
सरकार द्वारा एक सितंबर से शुरू हो रहे ‘अनलॉक चार’ के चरण में मेट्रो ट्रेन सेवाओं को बहाल किए जाने की संभावना है। केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) ने जो योजना तैयार की है, उसके मुताबिक बल ने सुझाया है कि हरेक यात्री के स्टेशन में प्रवेश करने के पहले ‘आरोग्य सेतु’ मोबाइल ऐप की जांच की जाए। इस संबंध में एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि हालांकि बल ने ऐप को जरूरी बनाने पर जोर नहीं दिया है लेकिन सुगम यात्रा के लिए यात्रियों को इसे डाउनलोड करने के लिए प्रोत्साहित किया जा सकता है।
उन्होंने कहा, ‘‘किसी भी कारण से जिनके मोबाइल में ऐप नहीं होगा, उन्हें भी मेट्रो का इस्तेमाल करने की अनुमति दी जाएगी।’’ बल ने अपने सभी कर्मियों को अपने-अपने फोन पर ऐप रखने को कहा है ताकि संक्रमण का पता चलने पर संपर्क का पता लगाने में आसानी हो।
यात्रियों के बैगों की तलाशी एक्स-रे स्कैनर से होगी
यात्रियों को धातु वाले सभी सामान निकालने और उन्हें अपने बैग में रखने को कहा जाएगा और इसके बाद उन्हें ‘मल्टिपल डोर फ्रेम मेटल डिटेक्टर’ (डीएफएमडी) से गुजरने को कहा जाएगा। इसके बाद उनकी संपर्करहित जांच होगी। धातु का सामान रखने के लिए यात्रियों को ‘ट्रे’ दी जाएंगी। सीआईएसएफ के विशेष कर्मी सुरक्षा के मद्देनजर यात्रियों पर नजर रखेंगे और वाजिब संदेह होने पर ही छूकर जांच की जाएगी।
योजना के मुताबिक न्यूनतम 2.5 सेंटीमीटर की दूरी बनाते हुए मेटल डिटेक्टर से संपर्क रहित जांच की जा सकेगी। यात्रियों के बैगों की तलाशी एक्स-रे स्कैनर से होगी और कुछ भी संदिग्ध लगने पर यात्री खुद खोलकर उसकी जांच कराएंगे। स्टेशन के क्षेत्र में दूरी बनाए रखने का ‘कड़ाई’ से पालन होगा।
जांच के लिए कतार के दौरान दो मीटर की दूरी बनाए रखनी होगी। बल ने कहा है कि मेट्रो स्टेशन के सभी द्वार नहीं खोले जाएंगे। मास्क पहनना अनिवार्य होगा और डीएमआरसी के कर्मी सुरक्षा जांच के पहले हरेक यात्री के शरीर के तापमान की जांच करेंगे। ‘संदिग्ध’ यात्रियों और बैगों से निपटने के लिए स्टेशन क्षेत्र में कर्मी पीपीई सूट भी पहने होंगे। ज्यादा भीड़ होने पर प्रवेश द्वार पर यात्रियों को रोक दिया जाएगा। सीआईएसएफ ने दिल्ली मेट्रो की सुरक्षा के लिए करीब 10,000 कर्मियों को तैनात कर रखा है।