मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मिले चिराग पासवान, सीट बंटवारे पर कहा- बिहार विधानसभा में 1 भी विधायक नहीं था, राजग ने भरोसा जताया और आज 19, वीडियो
By सतीश कुमार सिंह | Updated: November 15, 2025 17:55 IST2025-11-15T14:53:56+5:302025-11-15T17:55:35+5:30
बिहार चुनाव परिणामः विधानसभा में शून्य विधायक वाली पार्टी पर गठबंधन ने भरोसा किया और उसे 29 सीटें दीं। आज मेरे पास 19 विधायक हैं।

photo-ani
पटनाः केंद्रीय मंत्री और लोजपा (रा) प्रमुख चिराग पासवान ने आज बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मुलाकात और फिर से सीएम बनने की इच्छा जाहिर की। मुझे खुशी और गर्व है कि कड़ी मेहनत के माध्यम से हमारी पार्टी खुद को उस मुकाम पर ले आई है, जिसके बारे में मेरे नेता रामविलास पासवान ने सोचा था। 2000 में पार्टी के गठन के बाद से यह पार्टी का दूसरा सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन रहा है। पहला प्रदर्शन तब हुआ था, जब 2005 में,मेरे नेता ने बिना किसी गठबंधन के चुनाव लड़ा था और 29 विधायक जीते थे। हम उस समय सरकार नहीं बना सके।
#WATCH | #BiharElection2025 | Patna: Union Minister and LJP(RV) chief Chirag Paswan says, "...I am delighted and proud that through hard work, our party has brought itself to a stage where my leader Ram Vilas Paswan had thought of. Ever since the formation of the party in 2000,… pic.twitter.com/is2rJVsrEp
— ANI (@ANI) November 15, 2025
#WATCH | #BiharElection2025 | Patna: Union Minister and LJP(RV) chief Chirag Paswan says, "I met the Chief Minister in the morning. A delegation of LJP(RV) met the CM. We congratulated him on the manner in which the NDA fought the election under his leadership. I had… pic.twitter.com/cLj8LmYF6U— ANI (@ANI) November 15, 2025
हमने 2014 में वापसी की। कहते हैं कि इतिहास खुद को दोहराता है। 2020 में मुझे ऐसी ही स्थिति का सामना करना पड़ा, जब हमारी पार्टी के अंत की घोषणा कई अन्य दलों द्वारा की गई। 2022 तक यह स्वीकार कर लिया गया कि लोजपा (रा.वि.) और चिराग पासवान समाप्त हो गए थे। लेकिन मेरे पिता का खून मेरी रगों में बह रहा था। न तो वह और न ही मैं हार स्वीकार करते हैं।
मैंने पार्टी को नई ऊंचाइयों पर ले जाने का संकल्प लिया। 2024 में, गठबंधन ने हम पर अपना विश्वास जताया और एक सांसद वाली पार्टी को 5 लोकसभा सीटें। हमने सभी 5 सीटें जीतीं। विधानसभा में शून्य विधायक वाली पार्टी पर गठबंधन ने भरोसा किया और उसे 29 सीटें दीं। आज मेरे पास 19 विधायक हैं।
केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने पटना में कहा कि लोजपा (रामविलास) के प्रतिनिधियों ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मुलाकात की, सरकार गठन पर चर्चा की। वर्ष 2020 में लोजपा (रामविलास) की चुनावी हार के लिए कई लोग जिम्मेदार; मैंने पार्टी में नयी जान डालने के लिए लड़ाई लड़ी।
बिहार चुनाव प्रचार के दौरान झूठी कहानी गढ़ी गई कि जद(यू), लोजपा (रामविलास) के बीच मतभेद थे। सीट बंटवारे पर चिराग ने कहा कि बिहार विधानसभा में हमारा एक भी विधायक नहीं था, लेकिन राजग के केंद्रीय नेतृत्व ने हम पर भरोसा जताया जिसके लिए उनका आभारी हूं।
केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने शनिवार को कहा कि उनकी पार्टी लोक जनशक्ति पार्टी (राम विलास) के प्रतिनिधियों ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मुलाकात कर सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की प्रचंड विजय पर उन्हें बधाई दी और राज्य में नई सरकार के गठन पर चर्चा की।
उन्होंने विपक्षी पार्टी राष्ट्रीय जनता दल (राजद) और कांग्रेस पर यह कहते हुए हमला बोला कि वे लोजपा (रामविलास) और मुख्यमंत्री कुमार की पार्टी जनता दल यूनाइटेड (जदयू)के बीच “मतभेद होने का झूठा विमर्श” गढ़ रहे थे। पासवान ने यहां संवाददाताओं से कहा, “लोजपा (रामविलास) के प्रतिनिधियों ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मुलाकात की और राज्य में सरकार गठन पर चर्चा की।”
उन्होंने चुनाव से पहले राजग के सीट बंटवारे का जिक्र करते हुए कहा, “मैं गठबंधन नेतृत्व का आभारी हूं। राजग ने हमारी पार्टी पर भरोसा जताया, जबकि हमारे पास बिहार विधानसभा में कोई विधायक नहीं था।” लोजपा (रामविलास) ने राज्य में 28 सीटों पर चुनाव लड़ा और 19 पर जीत हासिल की।
उन्होंने यह भी दावा किया, “2020 में लोजपा (रामविलास) की चुनावी हार के कई जिम्मेदार थे। मैंने पार्टी को फिर से खड़ा करने के लिए संघर्ष किया।” सत्तारूढ़ राजग ने शुक्रवार को बिहार में महागठबंधन को करारी शिकस्त देकर सत्ता बरकरार रखी, जिससे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की लोकप्रियता और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की लोगों में जबर्दस्त अपील की फिर पुष्टि हुई।
कांग्रेस तथा इसकी सहयोगी राजद को गहरा झटका लगा। राजग की विजय की व्यापकता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि इसके दो प्रमुख घटक दलों भाजपा और जद(यू) ने अपने-अपने खाते की 101 सीट में से लगभग 85 प्रतिशत पर जीत दर्ज की। गठबंधन ने 243 सदस्यीय बिहार विधानसभा में 200 से अधिक सीट पर जीत हासिल की और भाजपा सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी।