पूर्णिया: बिहार में विधानसभा चुनाव के लिए तीसरे फेज के प्रचार के खत्म होने से पहले पूर्णिया की जनसभा में सीएम नीतीश कुमार ने राजनीति से संन्यास लेने की घोषणा की। नीतीश के संन्यास की घोषणा के बाद उनके विरोधी नेताओं की प्रतिक्रिया आने लगी है। एलजेपी ने कहा कि मैदान छोड़कर भागने वालों पर भरोसा ना करें।
लोजपा अध्यक्ष चिराग पासवान ने कहा, 'अगर रणभूमि से नेता ही गद्दी छोड़ कर भाग जाए तो बाकी के लोग क्या करेंगे? अब JDU का कोई अस्तित्व नहीं बचा है। अगर नीतीश कुमार जी ये सोच रहे हैं कि ये घोषणा करके वो जांच की आंच से बच जाएंगे तो ये मैं होने नहीं दूंगा।'
वहीं, आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने कहा कि हम यह लंबे समय से कह रहे हैं कि नीतीश कुमार अब बिहार का प्रबंधन नहीं कर पा रहे हैं। अब चुनाव प्रचार के आखिरी दिन उन्होंने घोषणा की कि वह राजनीति से संन्यास ले रहे हैं, हो सकता है कि उन्होंने जमीनी हकीकत को समझा हो।'
बता दें कि बिहार के मुख्यमंत्री और जनता दल यूनाइटेड के नेता नीतीश कुमार ने बृहस्पतिवार को कहा कि राज्य में हो रहा विधानसभा चुनाव उनका अंतिम चुनाव है। पूर्णिया के धमदाहा में एक चुनावी जनसभा को संबोधित कर रहे नीतीश कुमार ने कहा, ‘‘ आज चुनाव प्रचार का अंतिम दिन है । परसों मतदान है और यह मेरा अंतिम चुनाव है । अंत भला तो सब भला । '
गौरतलब है कि नीतीश कुमार ने साल 1977 में अपना पहला चुनाव लड़ा था। वह कई बार लोकसभा के सांसद रहे और अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में मंत्री भी रहे। नीतीश कुमार साल 2005 से बिहार के मुख्यमंत्री हैं। जनता से बिहार के विकास के लिए राजग को वोट देने की अपील करते हुए नीतीश कुमार ने कहा कि राज्य की पहले की स्थिति और आज की स्थिति किसी से छिपी नहीं है। उन्होंने कहा कि राज्य को अभी विकास के नए आयाम तय करने हैं और इसके लिए राजग के पक्ष में मतदान जरूरी है। मुख्यमंत्री ने कहा ‘‘जब हमें काम करने का मौका मिला, तब हमने कहा था कि न्याय के साथ विकास किया जाएगा। हमने अपना वादा पूरा किया। हमने किसी की भी उपेक्षा नहीं की, सबको साथ ले कर चले, सबका विकास किया। आगे मौका मिला तो राज्य को विकास की नयी ऊंचाइयों तक पहुंचाएंगे।’’