चीनी सैनिकों ने मीराम तारौन को दी बर्बर यातना, हिरासत में मारी लात, दिया बिजली का झटका
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: February 1, 2022 02:01 PM2022-02-01T14:01:58+5:302022-02-01T14:09:28+5:30
घर वापसी के बाद मीराम के पिता ओपांग टैरोन ने बताया कि चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) ने हिरासत में मीराम के साथ बहुत अत्याचार किया।
ईटानगर: चीन ने भारत की अरुणाचल सीमा से अगवा किये 17 साल के मीराम तारौन को हिरासत में बर्बर यातनाएं दी। इस बात का खुलासा स्वयं मीराम के पिता ने किया है। भारतीय फौज के प्रयासों से सकुशल रिहा हुए मीराम ने घर वापसी के बाद अपने पिता को सारी घटना से अवगत कराया।
इस मामले में ईटानगर के डीसी शाश्वत सौरभ ने बताया कि अरुणाचल प्रदेश से चीनी सेना द्वारा अगवा किए गए मीराम तारौन को वापस परिवार के सुपुर्द कर दिया गया।
शाश्वत सौरभ ने कहा कि सियांग जिले के तूतिंग में सेना ने एक समारोह का आयोजन किया, जिसमें सेना ने सोमवार शाम को मीराम तारन के माता-पिता को उसकी कस्टडी दे दी।
उसके बाद मीराम के माता-पिता उसे लेकर वापस घर लौटे तो स्थानीय प्रशासन और पंचायत नेताओं ने उनका जबदस्त स्वागत किया।
घर वापसी के बाद मीराम के पिता ओपांग टैरोन ने बताया कि चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) ने हिरासत में मीराम के साथ बहुत अत्याचार किया और लगभग एक हफ्ते तक उसकी आंखों पर पट्टी बांधे रहे।
टैरोन ने बताया कि चीनी सेना ने 17 साल के किशोर को इतनी यातनाएं दी कि वो अब तक सदमे की स्थिति में है। चीनी फौज के जवान उसकी पीठ पर लात मारते थे और बिजली के झटके भी देते थे।
चीनी सेना के बंधक के तौर पर जब तक मीराम कैद रहा, उसके हाथ हमेशा बंधे रहते थे और उसका हाथ केवल उसी समय खोला जाता था, जब उसे खाना दिया जाता था।
टैरोन ने कहा कि पूरी घटना से उनका बेटा मीराम बहुत डरा हुआ है और उसे मानसिक रूप से बहुत धक्का लगा है। फिलहाल वो आराम कर रहा है, ताकि जल्द ही फिर से अपनी सामान्य जिंदगी में वापस लौट सके।
मालूम हो कि मीराम बीते 18 जनवरी को अपने दोस्तों के साथ भारतीय सीमा में चीन-भारत की वास्तविक नियंत्रण रेखा के पास लुंगटा जोर इलाके में जड़ी-बूटी तलाशने गया था।
उसी दौरान चीनी सेना ने उसका जबरदस्ती अपहरण कर लिया था। मौके से उसके दोस्त फरार होने में कामयाब रहे और फिर उन्होंने इस घटना की जानकारी जिले के वरिष्ठ अधिकारियों को दी।
वहीं घटना के एक दिन के बाद अरुणाचल प्रदेश से भारतीय जनता पार्टी के सांसद तापिर गाओ ने मीराम की घर वापसी के लिए केंद्र सरकार से आग्रह किया। मामले की जानकारी मिलने के फौरन बाद भारतीय फौज ने तत्काल चीनी सेना पीएलए से संपर्क किया और उन्हें बताया कि मीराम सीमावर्ती इलाके में जंगली जड़ी-बूटियां इकट्ठा करने गया था।
सेना ने चीनी अधिकारियों से कहा कि मीराम एक 17 साल का सामान्य भारतीय किशोर है और उसे तत्काल रिहा कर दिया जाए। उसके बाद दोनों सेनाओं की ओर से चली लंबी कवायद के बाद 27 जनवरी को चीनी सेना ने मिराम को भारतीय सेना के हवाले कर दिया।