भारत ने चीन को दिया करारा जवाब, 2022 शीतकालीन ओलंपिक के उद्घाटन या समापन समारोह में नहीं होंगे शामिल, जानें मामला
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: February 3, 2022 18:41 IST2022-02-03T18:33:25+5:302022-02-03T18:41:00+5:30
यूएस, ब्रिटेन और कनाडा उन देशों में शामिल हैं, जिन्होंने खेलों के राजनयिक बहिष्कार की घोषणा की है।

पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के रजिमेंट कमांडर को बीजिंग में शीतकालीन ओलंपिक के मशाल वाहक के रूप में चुना है।
नई दिल्लीः भारत ने बृहस्पतिवार को घोषणा की है कि गलवान घाटी संघर्ष में शामिल एक सैन्य कमांडर को ओलंपिक मशाल वाहक के रूप में सम्मानित करने को लेकर बीजिंग में भारतीय दूतावास के प्रभारी चीन की राजधानी में होने वाले 2022 शीतकालीन ओलंपिक के उद्घाटन या समापन समारोह में शामिल नहीं होंगे।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने सैन्य कमांडर को इस तरह से सम्मानित करने के चीन के कदम को अफसोसनाक करार दिया। बागची ने सप्ताहिक प्रेस वार्ता में कहा कि बीजिंग में भारतीय दूतावास के प्रभारी बीजिंग 2022 शीतकालीन ओलंपिक के उद्घाटन या समापन समारोह में शामिल नहीं होंगे।
China has politicised Winter Olympics, charge d'affaires in Beijing not to attend opening, closing ceremonies, says India
— ANI Digital (@ani_digital) February 3, 2022
Read @ANI Story | https://t.co/IBQlHbwCCC#WinterOlympics#Indiapic.twitter.com/3nzxJZI45g
पीएलए के गलवान घाटी के कमांडर को शीतकालीन ओलंपिक मशाल देकर चीन द्वारा सम्मानित किए जाने के बारे में पूछे जाने पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा, ‘‘ हमने इस मुद्दे पर रिपोर्ट देखी है । यह अफसोस की बात है कि चीन ने ओलंपिक जैसे आयोजन का राजनीतिकरण करना चुना।’’
गौरतलब है कि गलवान घाटी में 15 जून 2020 को संघर्ष में शामिल पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के रजिमेंट कमांडर को बीजिंग में शीतकालीन ओलंपिक के मशाल वाहक के रूप में चुना है। 15 जून 2020 को गलवान घाटी में संघर्ष के बाद पूर्वी लद्दाख में सीमा विवाद बढ़ गया था। इस संघर्ष में भारतीय सेना के 20 जवान शहीद हुए थे।
पिछले वर्ष फरवरी में चीन ने आधिकारिक रूप से स्वीकार किया कि उसके पांच सैन्य अधिकारी एवं जवान शहीद हुए थे। बीजिंग 2022 शीतकालीन ओलंपिक मशाल रिले के लिए पीएलए कमांडर चुनने के लिए एक अमेरिकी सांसद ने बुधवार को चीन की खिंचाई की। सीनेटर जिम रिस्क ने कहा कि यह शर्मनाक है कि बीजिंग ने ओलंपिक 2022 के लिए एक मशालची को चुना जो सैन्य कमान का हिस्सा है जिसने और उइगरों के खिलाफ नरसंहार किया।
